सेहत के लिए रामबाण है संजीवनी वटी, बुखार करे चुटकी में कम, जानें 5 फायदे

आयुर्वेद में कई ऐसी दवाएं हैं, जिनका इस्तेमाल कर गंभीर रोगों का इलाज किया जाता है. ऐसी ही एक औषधि है संजीवनी वटी (Sanjeevani Vati). वटी या गुटिका का मतलब होता है गोली, दवाई. संजीवनी वटी का कई समस्याओं में आयुर्वेदाचार्य इस्तेमाल करते हैं.

यह एक आयुर्वेदिक गोली है, जो बुखार, पेशाब संबंधित समस्या, अपच, पेट की समस्या आदि को दूर करती है. चलिए जानते हैं मनोचिकित्सक एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद) दिल्ली नगर निगम के डॉ. आर. पी. पाराशर से संजीवनी वटी के फायदे और इसके सेवन का सही तरीका के बारे में.

संजीवनी वटी के फायदे (Sanjivani Vati in Benefits 

1. डॉ. आर. पी. पाराशर कहते हैं कि यह एक बेहद ही फायदेमंद आयुर्वेदिक दवा है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से बुखार, सर्दी-जुकाम, खांसी, पेट की समस्या आदि के इलाज में किया जाता है. संजीवनी वटी दस जड़ी बूटियां से बनी होती है. इसमें विडंग, सौंठ, पिप्पली, हरड़, बहेड़ा, आंवला, वचा, गुडुची, शुद्ध भल्लातक और शुद्ध वत्सनाभ. इन दवाओं को गोमूत्र के साथ समान मात्रा में मिलाया जाता है. यदि किसी को सर्दी, बुखार है तो इसका सेवन विशेषज्ञ की सलाह पर कर सकते हैं. लाभ होगा. सर्दी और बुखार के अलावा, संजीवनी वटी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट, श्वसन पथ और सूजन संबंधी संयुक्त विकारों के इलाज में भी मदद करती है.

 

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