Sarfaraz Khan: ‘पापा कहते हैं मैं मियांदाद की तरह खेलता हूं…’, टीम इंडिया में चयन के बाद भावुक हुए सरफराज

भारतीय टीम की चयन समिति ने सरफराज को राहुल और रवींद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद टीम में शामिल करने की घोषणा की थी। फैंस को उम्मीद थी कि उन्हें भारत की प्लेइंग 11 में भी कप्तान रोहित जगह देंगे, लेकिन एक बार फिर सरफराज और उनके चाहने वालों के हाथ निराशा लगी।

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला शुक्रवार (दो फरवरी) को शुरू हुआ। विशाखापट्टनम में डॉ. वाई.एस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। इस मुकाबले में भी लंबे वक्त से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू का इंतजार कर रहे धाकड़ बल्लेबाज सरफराज खान को मौका नहीं मिला। वहीं, रजत पाटीदार को चोट की वजह से बाहर हुए केएल राहुल की जगह टीम में शामिल किया गया। भारतीय टीम की चयन समिति ने सरफराज को राहुल और रवींद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद टीम में शामिल करने की घोषणा की थी। फैंस को उम्मीद थी कि उन्हें भारत की प्लेइंग 11 में भी कप्तान रोहित जगह देंगे, लेकिन एक बार फिर सरफराज और उनके चाहने वालों के हाथ निराशा लगी।

मैं जावेद मियांदाद की तरह खेलता हूं’

टेस्ट टीम में चयन के बाद सरफराज खान ने एक प्रतिष्ठित चैनल से बात करते हुए अपनी संघर्ष की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि वह विराट कोहली, विव रिचर्ड्स और जावेद मियांदाद जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की सूची में जगह बनाना चाहते हैं। इस दौरान बल्लेबाज ने संघर्ष के साथी रहे अपने पिता नौशाद अहमद को लेकर भी बात की।

सरफराज खान ने बताया कि उनके पिता का मानना है कि वह पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद की तरह खेलते हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस दिग्गज क्रिकेटर को खेलते देखना शुरू किया। सरफराज के मुताबिक, वह विराट कोहली और जो रुट जैसे बल्लेबाजों को भी पसंद करते हैं और उनकी तकनीक सीखने की कोशिश करते हैं।

पिता का रहा अहम योगदान

घरेलू क्रिकेट में अपने बल्ले की गूंज से विरोधी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाने वाले सरफराज अपने पिता को असली हीरो मानते हैं। बल्लेबाज ने बताया कि उन्हें भारतीय टीम की दहलीज तक पहुंचाने में उनके पिता का अहम योगदान रहा है। वह कड़ी मेहनत और परिश्रम में विश्वास रखते हैं।

सरफराज ने कहा, ”मेरे पिता ने मुझे क्रिकेट से जोड़ा और मैं हमेशा सोचता था कि मैं क्यों खेल रहा हूं। मैं एक आक्रामक बल्लेबाज हूं और दूसरों की तुलना में जल्दी आउट हो जाता था और बड़ी पारियां खेलना मुश्किल हो रहा था। दूसरों को सफल होते देखना मुझे निराश करता था। मैं रन नहीं बना पा रहा था, लेकिन मेरे पिता कड़ी मेहनत में विश्वास करते थे और मेरे पास जो कुछ भी है वह उसी का परिणाम है।”

मैदान पर जमकर पसीना बहाते हैं सरफराज 

घरेलू क्रिकेट में सरफराज का रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने 45 प्रथम श्रेणी मैचों में 14 शतक और 11 अर्धशतक की मदद से 3912 रन बनाए हैं। वहीं, 37 लिस्ट ए मुकाबलों में इस बल्लेबाज ने दो शतकों की बदौलत 629 रन बनाए हैं। यही वजह है कि उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू की मांग तेज हो गई है।

26 वर्षीय बल्लेबाज ने बताया कि वह मैदान पर जमकर पसीना बहाते हैं। वह हर दिन 500-600 गेंदें खेलते हैं। उन्होंने कहा, ”मेरी ताकत यह है कि मैं आसानी से संतुष्ट नहीं होता। मैं हर दिन 500-600 गेंद खेलता हूं। अगर मैं एक मैच में 200-300 गेंद नहीं खेलता हूं तो मुझे लगता है कि आज मैंने कुछ खास नहीं किया।”

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