सऊदी ने यहूदी धर्मगुरू से टोपी उतारने को कहा:न्योते के बाद बेइज्जती से नाराज US डेलिगेशन देश लौटा; घटना पर सऊदी सरकार चुप

US कमीशन ऑन इंटरनेशनल फ्रीडम (USCIRF) का डेलिगेशन सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौट आया है। इस डेलिगेशन के चीफ यहूदी धर्मगुरू रब्बी अब्राहम कूपर थे। सऊदी अफसरों ने कूपर से एक हेरिटेज साइट पर किप्पा (यहूदियों जो खास तरह की कैप या टोपी पहनता है) उतारने को कहा था। डेलिगेशन ने सऊदी अफसरों को समझाना चाहा, लेकिन वो नहीं माने।

USCIRF अमेरिकी सरकार को मजहबी मामलों में सलाह देने वाली संस्था है। हालांकि, यह अमेरिकी विदेश विभाग का आधिकारिक हिस्सा नहीं है। सऊदी सरकार ने घटना पर कोई सफाई नहीं दी है।

दिरियाह हेरिटेज साइट की घटना

USCIRF की तरफ से सऊदी अरब में हुई इस घटना पर ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी किया गया है। इसके मुताबिक- घटना दिरियाह हेरिटेज साइट की है। ये वो जगह है, जो आधिकारिक तौर पर सऊदी रॉयल फैमिली का पारिवारिक स्थान या कहें जन्मभूमि मानी जाती है।

सऊदी अरब सरकार क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के विजन 2030 को फॉलो कर रही है। इसके तहत देश की इकोनॉमी को ऑयल डिपेंडेंट कंट्री से टूरिज्म डिपेंडेंट इकोनॉमी बनाना भी है। इसके लिए कई देशों के डेलिगेशन को सऊदी आने का न्योता दिया जा रहा है।

इसी प्रोग्राम के तहत USCIRF की टीम को भी न्योता भेजा गया था। टीम 3 मार्च को सऊदी अरब पहुंची थी और इसे 15 दिन वहां गुजारने थे। 5 मार्च को जब यह डेलिगेशन दिरियाह पहुंचा तो वहां मौजूद स्टाफ ने डेलिगेशन चीफ अब्राहम कूपर से किप्पा उतारने को कहा।

डेलिगेशन के वाइस प्रेसिडेंट फ्रेडरिक डेवी ने सऊदी ऑफिशियल्स को काफी देर तक किप्पा का धार्मिक महत्व समझाते रहे, लेकिन वो नहीं माने।

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