फिल्मी अंदाज में वैज्ञानिकों को मिला जीवाश्म, लाखों साल पुराने जीव मिले ऐसी हालत में, देख कर रह गए सन्न
वैज्ञानिक तमाम तरह के जीवों का गहन अध्ययन करते हैं कई बार उनके बारे में कुछ खास तरह की जानकारी हासिल करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. उनके लिए जानवरों के प्रजनन की जानकारी हासिल करना लगभग असंभव सा ही हो जाता है. उस पर किसी पुरातन जानवर के प्रजनन की जानकारी जुटाना तो केवल कल्पना ही होती है. पर एक मामले में वैज्ञानिक बहुत ही खुशकिस्मत रहे जब उन्हें 3.8 करोड़ साल पुराने विलुप्त दीमक के प्रजनन संबंधी जानकारी बहुत ही अजीब तरह से मिली है.
अगर आपने जूरासिक पार्क मूवी देखी होगी तो उसमें बताया गया है कि कैसे वैज्ञानिकों को एम्बर (एक तरह की गोंद) में करोड़ों सा पहले जमे एक मच्छर के अंदर उस डायनासोर का खून मिला जिसने उसने मरने से पहले काटा था. इस बार की सच्ची कहानी में यह हुआ है कि इस बार ‘गोंद’ में मच्छर नहीं बल्कि मिलाप करते हुए दीमक जम गए थे ।
दीमक की यह प्रजाति करीब 3.8 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर पाई जाती थी. इस दीमक का जीवाश्म तब बन था जब दीमक मिलाप की गतिविधि कर रहे थे और उसी अवस्था में उनका जीवाश्म बन गया, जो अब वैज्ञानिकों के लिए बहुत काम का साबित होने वाला है. जीवाश्म बनने की कहानी भी कम फिल्मी नहीं है.
ऑबर्न यूनिवर्सिटी के एसिस्टेंट प्रोफेसर नोबुआकी मिजूमोतो की अगुआई में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने एम्बर में जमे इस जीवाश्म का अध्ययन किया है. एम्बर पेड़ के चिपचिपे पदार्थ का जीवाश्म हो जो गोंद की तरह होता है और पेड़ से निकलने के बाद जम जाता है. ये करोड़ों साल पुराने हो सकते हैं.
इस एम्बर में ये जीव पूरी तरह से संरक्षित थे जिसमें दोनों दीमक एक दूसरे से चिपके हुए थे. इस तरह का बर्ताव कई तरह के कीड़ों में देखने को मिलता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बर्ताव उनके कॉलोनी बनाने के लिए बहुत अहम होता है क्योंकि वे इस दौरान आसपास कॉलोनी के लिए सही जगह भी तलाशते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह के बर्ताव की जानकारी जीवों के अध्ययन के लिहाज से बहुत ज्यादा और जरूरी जानकारियां देने वाला साबित होता है.