तितलियों को समझने की कोशिश कर रहे थे साइंटिस्ट, जब एक दूसरे की नकल करते देखा..

वैज्ञानिकों ने तितलियों की प्रजाति में एक अनोखा पैटर्न खोजा है. जो तितलियां एक खास तरह का रंगों का संयोजन साझा करती हैं, उनके उड़ने का भी बर्ताव एक सा होता है. हैरानी की बात यह है कि इस तरह से एक दूसरे की दोहरी नकल कर वे शिकारी आक्रमणकर्ताओं को कड़ी चेतावनी देती हैं जो उन्हें अपना अस्तित्व बचाने में मदद मिलती है.

प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस (प्नास) में प्रकाशित अध्ययन में यॉर्क विश्विद्यालय के शोधकर्ताओं ने दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली जंगली तितलियों की 38 प्रजातियों की 351 तितलियों की हाई स्पीड वीडियो रिकॉर्डिंग का अध्ययन कर उनकी उड़ान का विश्लेषण किया.

इन तितलियों मे अलग तरह के 10 पैटर्न समूह थे जिसकी उड़ान के बर्ताव से आवास, पंखों का आकार और तापमान जैसे कई कारकों का संबंध पता लगाया गया. उम्मीदों के विपरीत पाया गया कि हर तितली की उड़ान का बर्ताव उसके समूह पर निर्भर करता है, ना कि उनके आवास या पंखों को आकार पर. इससे शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि एक ही नकल समूह वाली तितलियां वास्तव में शिकारियों को एक चेतावनी संकेत देती हैं.

शिकारी तितलियों को इस बर्ताव को ना केवल एक सा बर्ताव महसूस करते हैं, बल्कि यह शिकार करने के रोकने के प्रयास के तौर पर भी देखते हैं. अध्ययन में शामिल पीएचडी छात्र एज पेज खाई ना जा सकने वाली तितलियों की प्रजातों के उड़ान वाले बर्ताव और साझा रंग संयोजन को विकासक्रम के लिहाज से बहुत ही अहम मानते हैं.

शोधकर्ताओं का कहना है कि समान रंगों वाली

तितलियां एक ही तरह की उड़ान भरने से ऐसा संदेश देती हैं जिससे शिकारी जीव को लगता है कि वे खाने में अच्छी नहीं लगती हैं. एक बार कोई शिकारी गलती से किसी एक को खा लेता है तो वह बाकी को देख कर उसे लगता है कि वे खाने लायक नहीं है. जबकि हकीकत यह है कि उड़ान काफी जटिल होती है और उस पर तपमान और आवास जैसे कारकों का भी खासा असर होता है. दिलचस्प बात यह रही कि इस तरह का बर्ताव किसी एक समूह में नहीं बल्कि कई समूहों में देखा गया है.

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