SEBI की ऐतिहासिक जांच कराई जाए- हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अखिलेश यादव की मांग
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से प्रतिभूति नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति पर लगाए गए आरोप के बीच विपक्ष हमलावर हो गया है. कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों की ओर से मामले की जांच कराने की मांग तेज हो गई है. अखिलेश यादव ने भी जांच की मांग करते हुए कहा कि सेबी की जांच होनी चाहिए. इस मामले की गहन जांच देश की अर्थव्यवस्था की अपरिहार्यता है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि सेबी की ऐतिहासिक जांच होनी चाहिए क्योंकि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड का इतिहास ही ऐसा रहा है कि वो कभी सही मायनों में निवेशकों का संरक्षक और सहारा नहीं बना.
निष्पक्ष जांच से सेबी की प्रतिष्ठा लोटैगीः अखिलेश
उन्होंने कहा, “भारत के बाजार में निवेश के प्रति सुरक्षा की भावना जगाने के लिए सेबी की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना केवल एक निष्पक्ष जांच ही कर सकती है. सेबी प्रकरण की गहन-जांच देश की अर्थव्यवस्था की अपरिहार्यता बन चुकी है.”
SEBI की ऐतिहासिक जाँच होनी चाहिए क्योंकि सेबी का इतिहास ही ऐसा रहा है कि वो कभी सही मायनों में निवेशकों का सरंक्षक व सहारा नहीं बना।
भारत के बाज़ार में निवेश के प्रति सुरक्षा की भावना जगाने के लिए SEBI की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना केवल एक निष्पक्ष जाँच ही कर सकती है।
SEBI
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2024
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने मामले की जेपीसी जांच की मांग करते हुए कहा, “यह बहुत ही असाधारण स्थिति है. बीजेपी संसद में साफ तौर पर पीछे हट गई है. हमें इस मामले में दोनों जेपीसी के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराया जाना चाहिए.”
राहुल और खरगे ने की JPC जांच की मांग
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, “इन खुलासों से पता चलता है कि हमारी व्यवस्था अडानी के पक्ष में कितनी बुरी तरह से धांधली कर रही है.” उन्होंने आगे कहा कि अडानी के गंदे पैसे को ठगने वाले संदिग्ध ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी पकड़े जाने के बाद सेबी की प्रमुख माधवी बुच का प्रतिभूति नियामक के प्रमुख के रूप में पद अस्थिर है. उनके पति ब्लैकस्टोन के सलाहकार थे, जो एक प्रमुख REIT है, तो माधवी बुच के अधीन सेबी ने REIT को नियामकीय रूप से खुली छूट दी थी. क्या यह पीएम मोदी ने अपने सबसे अच्छे दोस्त अडानी के निर्देश पर किया था?
अखिलेश और ब्रायन की तरह कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी मामले की जांच की बात कही है. दोनों नेताओं ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की अपनी मांग दोहराई है. साथ ही कांग्रेस ने कहा कि सरकार को अदानी समूह की विनियामक की ओर से की गई जांच में हितों के सभी टकराव को तत्काल दूर करना चाहिए.