SEBI के इस ऑर्डर ने 60% हिट होगा F&O का ट्रेड, नितिन कामथ का बड़ा बयान

भारतीय बाजार नियामक सेबी (Sebi) द्वारा फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में कड़े नियम लागू करने के निर्णय का असर भारतीय शेयर बाजार पर व्यापक रूप से देखा जा सकता है. यह बदलाव 60% तक F&O ट्रेड्स और ज़ेरोधा जैसे प्रमुख ब्रोकर्स के 30% ऑर्डर्स पर असर डाल सकता है. यह जानकारी बिलियनेयर स्टॉक ब्रोकर नितिन कामथ ने दी है.
कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “जैसा कि अभी स्थिति है, अगर साप्ताहिक ट्रेडिंग करने वाले मासिक ट्रेडिंग पर शिफ्ट नहीं होते, तो इसका असर कुल F&O ट्रेड्स का लगभग 60% और हमारे कुल ऑर्डर्स का लगभग 30% होगा.”
ज़ेरोधा पर पड़ेगा असर
नए नियमों के लागू होने के बाद ज़ेरोधा के बिजनेस पर इसका सीधा असर पड़ सकता है. कंपनी ने अभी तक अपने ब्रोकरेज स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन यह निर्णय नियमों के प्रभाव को समझने के बाद लिया जाएगा. नए नियम 20 नवंबर 2024 से प्रभावी होंगे.
सेबी ने किए हैं ये बदलाव
1. कॉन्ट्रैक्ट साइज में वृद्धि
2. वीकली एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट्स पर बैन
ट्रेडर्स को चाहिए होगा अधिक कैपिटल
वर्तमान में इंडेक्स F&O कॉन्ट्रैक्ट्स का साइज 5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच है, लेकिन 20 नवंबर 2024 से यह साइज बढ़कर 15 लाख से 20 लाख रुपए के बीच हो जाएगा. ज़ेरोधा ने अपने ब्लॉग में लिखा कि इस बदलाव से इंडेक्स F&O कॉन्ट्रैक्ट्स के लॉट साइज में बढ़ोतरी होगी और उसी अनुपात में मार्जिन आवश्यकताओं में भी वृद्धि होगी. इसका मतलब है कि ट्रेडर्स को अब अधिक पूंजी की जरूरत होगी.
इसके अलावा यह वृद्धि लंबी अवधि के ऑप्शंस ट्रेडिंग पर भी असर डालेगी, खासकर निफ्टी ऑप्शंस पर, क्योंकि नए लॉट साइज वर्तमान लॉट साइज का साधारण गुणक नहीं होगा. इससे ऑड लॉट्स (विचित्र लॉट) की स्थिति बन सकती है, जिससे ट्रेडिंग में जटिलता बढ़ सकती है.
साप्ताहिक एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट्स पर प्रतिबंध
वर्तमान में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 4 इंडेक्स और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 2 इंडेक्स के लिए साप्ताहिक एक्सपायरी होती है. हालांकि, नए नियमों के तहत केवल एक ही साप्ताहिक एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट की अनुमति दी जाएगी. इसके बावजूद, मासिक एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे ट्रेडर्स को मासिक विकल्पों में ट्रेडिंग जारी रखने की सुविधा मिलेगी.
क्या कहती है रिपोर्ट?
मार्केट रिसर्च कंपनी जेफरीज़ के अनुमानों के अनुसार, नए नियमों से साप्ताहिक कॉन्ट्रैक्ट्स की आपूर्ति में 35% की कमी आ सकती है. वर्तमान में इंडेक्स ऑप्शंस में प्रतिदिन लगभग 68,000 करोड़ रुपए के औसत प्रीमियम का व्यापार होता है, जिसमें से 35% साप्ताहिक कॉन्ट्रैक्ट्स से आता है. इन नियमों के लागू होने से बाजार में प्रीमियम की आपूर्ति कम हो सकती है, जिससे तरलता और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर असर पड़ेगा.

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