Senior Citizens को ट्रेन में अब सफर करने के लिए नहीं देना पड़ेगा पैसा, रेलवे ने किया बड़ा ऐलान

 रेलवे से सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए गुड न्यूज है. ट्रेन के टिकट पर सीनियर सिटीजन को मिलने वाली छूट को एक बार फिर से बहाल किया जा सकता है.

इसके लिए एक संसदीय समिति ने सरकार से आग्रह किया है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने ट्रेन में यात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को बहाल करने पर रेल मिनिस्ट्री से सहानुभूतिपूर्वक पर विचार करने का आग्रह किया है.

संसदीय समिति ने दोनों सदनों में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेल मिनिस्ट्री को स्लीपर क्लास और 3A कैटेगरी में सीनियर सिटीजन को एक बार से छूट देना शुरू करना चाहिए.

सीनियर सिटीजन को मिलती थी कितनी छूट?

रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि भारतीय रेलवे 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरूषों को किराये में 40 प्रतिशत की छूट देता था और महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु 58 वर्ष होने पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाती थी. ये छूट मेल/एक्सप्रेस/ राजधानी/शताब्दी/दुरंतो समूह की ट्रेनों में सभी वर्गो के लिए दी जाती थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय (Ministry of Railways) ने ‘वरिष्ठ नागरिक रियायत छोड़े’ पहल की शुरूआत की और वरिष्ठ नागरिकों को यह विकल्प दिया था कि जो सीनियर सिटीजन देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं.

वे छूट के बिना अपना टिकट बुक करा सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 20 मार्च 2020 को वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट का विकल्प वापस ले लिया गया गया.

सीनियर सिटीजन को फिर मिल सकती है छूट

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान वरिष्ठ नागरिकों से ट्रेन के किराए में मिलने वाली छूट की सुविधा को हटा लिया था. लेकिन अब कोविड प्रोटोकॉल समाप्त हो चुके है.

ट्रेन ने अपनी सामान्य गति को फिर से प्राप्त कर लिया है. समिति ने कहा कि वह मंत्रालय से आग्रह करती है कि स्लीपर क्लास और 3A कैटेगरी में सीनियर सिटीजन को दी जाने वाली छूट पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें और उसे फिर से प्रारंभ करें.

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