बड़े अरमान से बेटे को भेजा था IIT दिल्ली पढ़ने… लेकिन, एक घटना ने बदल दिया इस दुखियारी मां की पूरी जिंदगी

बड़े अरमान से मां-बाप अपने बच्चों को घर से बाहर पढ़ने के लिए भेजते हैं, लेकिन कभी-कभी बच्चों के एक गलत फैसले से पूरा परिवार बिखड़ जाता है. कभी-कभी तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि छात्र के साथ-साथ पूरा परिवार भी खत्म हो जाता है. आज आपको हम एक ऐसे ही छात्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके एक गलत कदम से परिवार की हालत खराब हो गई है. इस घटना को सुनकर आप भी सोचने लगेंगे कि क्या अपने बेटे को आईआईटी जैसे संस्थानों में पढ़ने के लिए भेजना चाहिए?बता दें कि इस घटना के बाद छात्र संगठन एबीवीपी ने दिल्ली आईआईटी को एक ज्ञापन दिया है.

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली आईआईटी के इस छात्र के कदम की चर्चा हर तरफ हो रही है. खासकर छात्र और छात्र संगठनों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं. छात्र संगठनों ने अब इस मुद्दे को को लेकर एक अभियान शुरू कर दिया है. खासकर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्र के फैसले के बाद जागरूकता अभियान शुरू किया है. इस काम में आईआईटी दिल्ली और दिल्ली यूनिविर्सिटी के छात्रों का भी सहयोग मिल रहा है.

मां के अरमान को बेटे ने किया नेस्तनाबुदबता दें कि देश में छात्रों की आत्महत्याओं का मामला तेजी से बढ़ रहा है. हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के एक छात्र वरद संजय नेरकर ने सुसाइड कर लिया था. वरद महाराष्ट्र के नासिक जिले का रहने वाला था और आईआईटी दिल्ली में पॉलीमर साइंस एंड टेक्नोलॉजी का छात्र था. साल 2022 में वरद आईआईटी दिल्ली में दाखिला लिया था. वरद कैंपस के द्रोणागिरी हॉस्टल के 7वीं मंजिल में अपने कमरे में मृत मिला था. इस घटना ने एक मां के अरमान को ठेस पहुंचाई, जो बेटे को बड़े अरमान से दिल्ली आईआईटी भेजा था.

छात्र संगठनों ने शुरू की मुहिमहाल के दिनों में बढ़ते सुसाइड की घटनाओं के बाद छात्र संगठनों ने गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. शु्क्रवार को एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल और एबीवीपी दिल्ली प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा. साथ ही छात्रों को मानसिक रुप से सशक्त बनाने वाली गतिविधियों को बढ़ावा देने की मांग की. एबीवीपी प्रतिनिधिमंडल ने छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए तीन सुझावों पर भी काम करने की मांग की है.

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