Share Market Crash Reason: मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव, साफ हुए भारतीय बाजार से 6 लाख करोड़, ये हैं 5 बड़े कारण
Share Market Crash Reason: रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास का युद्ध अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि ईरान भी इसमें कूद पड़ा. ईरान ने मंगलवार को इजराइल पर दर्जनों मिसाइलें दागकर युद्ध का ऐलान कर दिया है. भले यह लड़ाई हजारों किलोमीटर दूर लड़ी जा रही, लेकिन इसका सीधा असर भारत और यहां के लोगों पर भी दिखाई दे रहा है. ईरान के मिसाइल अटैक का असर भारतीय शेयर बाजार समेत दुनियाभर के शेयर बाजार पर दिखाई दे रहा है.
ईरान ने भले ही इजराइल पर मिसाइल अटैक किया हो लेकिन इसकी चपेट में भारतीय शेयर बाजार भी आ गया है. गुरुवार को इंडियन शेयर मार्केट के BSE इंडेक्स में 1200 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. मिडल ईस्ट की बढ़ती टेंशन के चलते शेयर बाजार निवेशकों को लाखों करोड़ों का नुकसान हो गया है. BSE 1200 अंक टूटने से निवेशकों के 6 लाख करोड़ से ज्यादा रुपए डूब गए हैं.
निवेशकों को हुआ मोटा नुकसान
बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन मंगलवार के मुकाबले 5.63 लाख करोड़ रुपए गिरकर गुरुवार को बाजार खुलते ही 4.69 लाख करोड़ रुपए पर आ गया.लेकिन क्या शेयर बाजार में गिरावट का जिम्मेदार सिर्फ मिडल ईस्ट की टेंशन ही है या इसके पीछे कोई और वजह भी है? आइए जानते हैं बाजार टूटने के 5 बड़े कारण…
इन 5 कारणों से टूटा बाजार
मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव:
मिडल ईस्ट में बढ़ रहा तनाव मिडिल ईस्ट में तनाव तेजी से बढ़ रहा है. ईरान और इजराइल की बीच जंग जैसे हालात बन रहे हैं. इजराइल और हिजबुल्ला जंग में ईरान की एंट्री ने जियो-पॉलिटिकल टेंशन को और बढ़ा दिया है. दरअसल, ईरान ने इजराइल पर जबरदस्त पलटवार करते हुए 1 अक्टूबर की रात में धड़ाधड़ एक के बाद एक 150 से अधिक मिसाइलें दाग दी. हमले के बाद इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान को इस हमले के बुरे परिणाम भुगतने होंगे.
ग्लोबल मार्केट में तेज हलचल:
अमेरिकी शेयर बाजार में बीते दो दिन में मिले जुले कारोबार हो रहा है. दो दिन में डाओ में करीबन 135 अंक की कमज़ोरी रही. अमेरिकी बाजार में कल ज्यादातर इंडेक्स सपाट ही बंद हुए थे. वहीं, एशियाई बाजारों में जापान के निक्कई में तूफानी तेजी दर्ज की जा रही है. इंडेक्स करीब सवा 2 फीसदी ऊपर ट्रेड कर रहा है. चीन का शंघाई मार्केट में तूफानी तेजी दर्ज की जा रही, जोकि करीब 8 फीसदी से ज्यादा उछल गया है. हॉन्गकॉन्ग के बाजारों में तेज बिकवाली है.
ग्लोबल कमोडिटी मार्केट में एक्शन:
ईरान-इजरायल तनाव के बीच कच्चा तेल में कल लगातार चौथे दिन तेजी दर्ज की गई. इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल प्राइसेज चढ़कर 75 डॉलर के पास पहुंच गई हैं. वहीं, बेस मेटल्स में 2 से 3 परसेंट की तेजी दर्ज की गई, जिसमें कॉपर और एल्युमीनियम 4 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. साथ ही जिंक ने 2 साल का हाई छुआ है.
सेबी का नया रूल
सेबी लाया नया F&O रूल फ्यूचर्स एंड ऑप्शन यानी F&O ट्रेड को लेकर मार्केट रेगुलेटर सेबी बड़ा बदलाव करने जा रहा है. SEBI ने 1 अक्टूबर की शाम को सर्कुलर भी जारी कर दिया है. इसके तहत इंट्रा-डे पोजिशन लिमिट की निगरानी होगी. डेरिवेटिव्स मिनिमम ट्रेडिंग अमाउंट भी बढ़ा दी है. दरअसल, मार्केट रेगुलेटर डेरिवेटिव्स फ्रेमवर्क को सख्त कर रहा है. F&O से जुड़े ज्यादातर नए बदलाव 20 नवंबर से ही लागू होंगे. इंडेक्स ऑप्शन बायर्स से अपफ्रंट ऑप्शन प्रीमियम लिया जाएगा. ऑप्शन एक्सपायरी के दिन शॉर्ट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए 2% का एडिशनल मार्जिन लिया जाएगा. सेबी ने डेरिवेटिव्स के लिए मिनिमम ट्रेडिंग अमाउंट को भी बढ़ा दिया है. इसे 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है. अब हर हफ्ते एक एक्सचेंज की सिर्फ एक वीकली एक्सपायरी होगी. साथ ही एक्सपायरी के दिन ज्यादा मार्जिन देना होगा. इसके तहत शॉर्ट पोजिशन पर 2% एक्सट्रीम लॉस मार्जिन (ELM) मार्जिन देना होगा.
इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की बिकवाली:
अक्टूबर की शुरुआत में ही भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाली कर रहे. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को कैश मार्केट में कैश मार्केट में बिकवाली की. डिपॉजिटरीज के प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक कैश मार्केट में FIIs ने 5579 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की. जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी DIIs ने 4609.55 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की. शेयर बाजार के करेक्शन में निवेशकों के डूबे लाखों शेयर बाजार में गुरुवार को तेज बिकवाली से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 470 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है, जोकि 1 अक्टूबर को 474.84 लाख करोड़ रुपए था. यानी शुरुआती मिनटों की बिकवाली में ही निवेशकों को करीब 5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो गया.
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