श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में हुई बहस, जानें हाई कोर्ट में अब क्‍या होगा

श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल अर्जियों पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष यानि शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से पक्ष रखा गया. हालांकि कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी है. जिसके चलते शुक्रवार को भी मामले में बहस जारी रहेगी. शुक्रवार 23 फ़रवरी को दोपहर 2 बजे से मुस्लिम पक्ष अपनी बची हुई दलीलें पेश करेगा. पहले शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से आगे की बहस की जाएगी. उसके बाद यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से पक्ष रखा जाएगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई याचिकाओं की पोषणीयता पर बहस हुई. मुख्य रूप से मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें पेश की. लेकिन मुस्लिम पक्ष की बहस आज पूरी नहीं हो सकी. मुस्लिम पक्ष कल भी अपनी दलीलें जारी रखेगा. इसके बाद हिंदू पक्ष को अपनी बहस करने का मौका दिया जाएगा. मुस्लिम पक्ष की ओर से दी गई दलीलों पर हिंदू पक्ष अपना जवाब भी दाखिल करेगा. आज लंच से पहले सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता तसलीम अहमदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहस की. जबकि लंच के बाद दोपहर 2:00 बजे से 3:30 बजे तक मुस्लिम पक्ष ने आगे भी अपनी दलीलें जारी रखीं. मुस्लिम पक्ष ने ऑर्डर 7 रूल्स 11 के तहत हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल अर्जियों की पोषणीयता को चुनौती दी है.

दाखिल सभी 18 अर्जियों की एक साथ सुनवाईमुस्लिम पक्ष की ओर से दलील दी जा रही है कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल याचिकाएं पोषणीय नहीं है. 1968 में हुए समझौते को लेकर भी मुस्लिम पक्ष ने दलीलें पेश की हैं. कहा है कि इसके तहत केशव देव कटरा की 13.7 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई है. मुस्लिम पक्ष ने प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट 1991 और लिमिटेशन एक्ट का भी हवाला दिया है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच सभी मामले में दाखिल सभी 18 अर्जियों की एक साथ सुनवाई कर रही है.

हाईकोर्ट में सीधे तौर पर मामले की सुनवाई

हालांकि हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में विवादित परिसर का अमीन सर्वे कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी है. हाईकोर्ट अयोध्या विवाद की तर्ज पर जिला अदालत के बजाय हाईकोर्ट में सीधे तौर पर मामले की सुनवाई हो रही है. ज्यादातर अर्जियों में शाही ईदगाह मस्जिद को हिंदुओं का धार्मिक स्थल बताकर उसे हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है.

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