वीरता और शौर्य की राजधानी है सियाचिन’, दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र में राजनाथ सिंह ने बढ़ाया जवानों का हौसला

Rajnath Singh Siachen Glacier Visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर का दौरा कर वहां सैन्य तैयारियों को जायजा लया। इस मौके पर रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी मौजूद थे।

सियाचीन ग्लेशियर में राजनाथ सिंह ने जवानों से बातचीत की और उनके साथ मिठाई का आनंद उठाया। जवानों के साथ बातचीत में रक्षा मंत्री ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली राजनीतिक, मुंबई आर्थिक और प्रौद्योगिकी राजधानी बेंगलुरू है। उसी तरह से देश की वीरता और शौर्य की राजधानी सियाचीन है। उन्होंने आगे कहा कि यह सामान्य धरती नहीं बल्कि देश की राष्ट्रीयता एवं संप्रभुता की प्रतीक है।

होली पर लेह में राजनाथ सिंह ने होली मनाई

इससे पहले राजनाथ सिंह सियाचिन बेस कैंप गए और वहां युद्ध स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री जवानों के साथ होली खेलने के लिए 24 मार्च को यहां आने वाले थे लेकिन खराब मौसम की वजह से उनका यह कार्यक्रम लेह में संपन्न हुआ। उन्होंने लेह सैन्य स्टेशन पर जवानों के साथ होली मनाई।

दुनिया की सबसे ज्यादा ऊंचाई वाला रणक्षेत्र है सियाचीन

कारकोरम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियार दुनिया की सबसे ऊंचाई वाला (करीब 20,000 फीट) रणक्षेत्र है। यहां तैनात जवानों को फ्रॉसबाइट एवं तेज हवाओं जैसी मौसम की प्रतिकूल दशाओं का सामना करना पड़ता है। यहां पर तैनात होने वाले जवानों को कठिन मानसिक एवं शारीरिक प्रशिक्षण के दौर से गुजरना होता है।

लद्दाख क्षेत्र में चीन की अवैध गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना यहां के चप्पे-चप्पे पर मौजूद है और पीएलए की गतिविधियों पर नजर बनाए हुई है। जून 2020 की गलवान झड़प के बाद एलएसी पर भारी संख्या में भारतीय फौज मौजूद है।

सियाचिन ग्लेशियर पर भारत का पूर्ण नियंत्रण

ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत भारतीय सेना ने अप्रैल, 1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर अपना पूर्ण नियंत्रण स्थापित किया था।
रक्षा मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल (सोमवार) सियाचिन का दौरा करेंगे। वह क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बलों के जवानों के साथ बातचीत करेंगे।’ भारतीय सेना ने पिछले कुछ वर्षों में सियाचिन में अपनी उपस्थिति मजबूत की है।

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