SIP या PPF, रिटर्न और जोखिम को ध्यान में रखते हुए किसमें करें निवेश? यहां जानें डिटेल
इंडिया में जब लॉन्ग टर्म के लिए निवेश की बात होती है तो दो विकल्प निकलकर सामने आते हैं. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF). दोनों ही अलग-अलग वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क उठाने की क्षमता को पूरा करते हैं. अब यहां जरूरी सवाल ये है कि रिस्क और रिटर्न के पैमाने पर कौन एक बेहतर ऑप्शन होगा. आज की स्टोरी में हम इसी की बात करने वाले हैं.
रिस्क और रिटर्न
SIP: यह बाजार में मौजूद विकल्प में सबसे अधिक रिटर्न देता है, लेकिन इसमें जोखिम भी रहती है.
PPF: स्थिरता और कम जोखिम चाहने वालों को आकर्षित करने वाला सुरक्षित और पहले से तय रिटर्न प्रदान करता है.
SIP: व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों के साथ यह निवेश अवधि की अनुमति देता है, आवश्यकतानुसार इसमें बदलाव किया जा सकता है.
PPF: कम से कम 15 वर्षों के लिए इसमें निवेश करना होता है, जो महत्वपूर्ण भविष्य के मील के पत्थर के लिए अनुशासित बचत की आदत को बढ़ावा देता है.
SIP: जो लोग चाहते हैं कि अपने निवेश राशि को तय समय से पहले निकाल सकें. उनके लिए यह विकल्प बेस्ट है.
PPF: इस विकल्प के तहत समय से पहले व्यक्ति पैसा नहीं निकाल सकता है.
SIP से कैसे उठा सकते हैं अधिक फायदा
म्यूचुअल फंड से ज्यादा फायदा लेने के लिए एसआईपी (SIP) लेने और उसे हर साल बढ़ाने की सलाह दी जाती है. लगभग हर साल 10 परसेंट तक एसआईपी बढ़ा दें तो अंत में अच्छा खासा रिटर्न मिल जाता है. एसआईपी में निवेश बढ़ाने से दिनों-दिन बढ़ती महंगाई, खुद के खर्च और भविष्य के लिए फंड जुटाने में सफलता मिल सकती है. आप दो तरह से एसआईपी में निवेश को बढ़ा सकते हैं. हर साल एक निश्चित राशि के साथ एसआईपी में निवेश को बढ़ाएं. जैसे मान लीजिए आपके पास 10 हजार रुपये की मंथली एसआईपी है. अपने रिटायरमेंट के खर्च को देखते हुए आप हर साल 1 हजार या 2 हजार रुपये तक बढ़ा सकते हैं.
म्यूचुअल फंड से ज्यादा फायदा लेने के लिए एसआईपी (SIP) लेने और उसे हर साल बढ़ाने की सलाह दी जाती है. लगभग हर साल 10 परसेंट तक एसआईपी बढ़ा दें तो अंत में अच्छा खासा रिटर्न मिल जाता है. एसआईपी में निवेश बढ़ाने से दिनों-दिन बढ़ती महंगाई, खुद के खर्च और भविष्य के लिए फंड जुटाने में सफलता मिल सकती है. आप दो तरह से एसआईपी में निवेश को बढ़ा सकते हैं. हर साल एक निश्चित राशि के साथ एसआईपी में निवेश को बढ़ाएं. जैसे मान लीजिए आपके पास 10 हजार रुपये की मंथली एसआईपी है. अपने रिटायरमेंट के खर्च को देखते हुए आप हर साल 1 हजार या 2 हजार रुपये तक बढ़ा सकते हैं.