Skin Pimples: धूल-मिट्टी ही नहीं, खाने की इन चीजों से भी हो सकते हैं पिंपल्स
Pimple Problem: स्किन के हेयर फॉलिकल्स ऑयल और डेड स्किन सेल से क्लॉग हो जाते हैं, तो एक्ने और पिंपल्स होने लगते हैं. ये मुहांसे कई बार काफी दर्द देते हैं. त्वचा पर ये ब्लैकहेड, व्हाइटहैड, पेप्यूल, पस्ट्यूल और सिस्टिक लीजन के तौर पर नजर आ सकते हैं. पिंपल्स चेहरे पर इसलिए ज्यादा होते हैं क्योंकि यहां सबसे ज्यादा सेबेशियस ग्लैंड मौजूद होते हैं. ये ऑयल प्रोडक्शन बढ़ाने काकाम करते हैं.
हालांकि, पिंपल्स सिर्फ बाहरी गंदगी के कारण ही नहीं होते बल्कि हार्मोनल असंतुलन, स्ट्रेस, डाइट और कुछ दवाएं भी इसे ट्रिगर कर सकती हैं. अगर आप अक्सर मुहांसे की दिक्कत से परेशान रहते हैं तो जानते हैं कि किन फूड आइटम्स से आपको परहेज करने की जरूरत है.
रिफाइंड शुगर
डायटीशियन नमामी अग्रवाल का कहना है कि ज्यादा शुगर बेहद नुकसानदायक है. कैंडी, पेस्ट्री या आर्टिफिशियल शुगर से बनने वाली दूसरी चीजों को खाने से शरीर का इंसुलिन लेवल स्पाइक हो जाता है. इससे स्किन में ऑयल का उत्पादन बढ़ाता है. इसके चलते स्किन फॉलिकल और पोर्स सीबम से भर जाते हैं और मुंहासे का रूप लेते हैं.
अंडे खाना
प्रोटीन का रिच सोर्स माने जाने वाले अंडों मेंएंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रोटीन पाया जाता है. इसे एल्ब्यूमिन, बायोटिन और प्रोजेस्टेरोन कहते हैं. ये सभी मुंहासों को ट्रिगर कर सकते हैं. खासकर गर्मियों के सीजन में इसे ज्यादा न खाएं.
ट्रांसफैट
बेक्ड गुड्स या फ्राइड फूड जैसी चीजों में ट्रांसफैट होता है. इससे शरीर में बैड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ने के साथ-साथ गुड कॉलेस्ट्रॉल घटता है. ये दोनों ही चीजें मुंहासों को ट्रिगर करती हैं. ऐसे में ट्रांसफैट को कम से कम खाएं.
ओमेगा 6
कुछ लोगों नट्स, सीड्स, सॉय और कैनोला जैसी चीजें खाना काफी पसंद होती हैं. लेकिन इन सभी चीजों में ओमेगा 6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ऐसे में मुहांसे पैदा करने वाले फूड्स को खाने से बचें.
सप्लीमेंट्स
आपको बता दें कि व्हे प्रोटीन और बायोटिन जैसे सप्लीमेंट्स केराटिन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं. इससेहाइपरकेराटोसिस की समस्या हो सकती है और यह मुंहासो का एक मुख्य कारण है.