छोटा सा देश, लेकिन पूरी दुनिया को खिलाता है सरसों तेल, और भी बहुत कुछ यहां
दुनिया के कई देशों में सरसों तेल से खाना पकाया जाता है. भारत के तो लगभग हर किचन में ये मिल जाएगा. उत्पादन की बात करें तो 2021 में भारत में सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था. लगभग 89.5 लाख टन सरसों की पैदावार हुई जो इसके पहले साल के मुकाबले लगभग 19.33 फीसदी अधिक है.
लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे यहां सबसे ज्यादा इसका उत्पादन नहीं होता. एक छोटा सा देश है, जो पूरी दुनिया को सरसों का तेल मुहैया कराता है. इसके अलावा और भी बहुत कुछ है यहां, जो आपको चौंका देगा. लेकिन सबसे ज्यादा आप चौंकेंगे, जब आपको इसका नाम पता चलेगा.
आपको यकीन शायद ही हो, लेकिन सरसों के उत्पादन में पहले नंबर पर अपना पड़ोसी देश नेपाल है. फॉस्टैट (Faostat) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में नेपाल में 220,250 टन सरसों का उत्पादन हुआ. इसके साथ ही वह पूरी दुनिया में शीर्ष पर रहा. नेपाल अकेले दुनिया में उत्पादित होने वाले कुल सरसों का 41.3% हिस्सा अपने यहां तैयार करता है. यहां से सरसों तेल भारत, पाकिस्तान, चीन समेत कई मुल्कों में जाता है.
सरसों उत्पादन में दूसरे नंबर पर रूस
सरसों के उत्पादन में दूसरे नंबर पर रूस है. यहां एक साल में 183,426 लाख टन सरसों का उत्पादन होता है. यहां से सरसों तेल यूरोपीय देशों को भेजा जाता है. एशिया के कुछ मुल्क भी रूस से सरसों तेल खरीदते हैं. तीसरे नंबर पर कनाडा है, जहां 161,781 टन सरसों का उत्पादन होता है.दुनिया को पॉम आयल खिलाने वाला मलेशिया इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है. वहां 144,236 टन सरसों का उत्पादन होता है. इनके बाद अमेरिका, हमारा पडोसी देश म्यांमार, चीन और यूक्रेन हैं.
नेपाल के बारे में ये फैक्ट भी जान लीजिए
नेपाल में 3000 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई पर समुद्री सीपियों के जीवाश्म पा सकते हैं. यहां भारी संख्या में विश्व धरोहर स्थल हैं. अकेले काठमांडू में 15 किलोमीटर के दायरे में 7 स्थल हैं. इनकी 92% से अधिक ऊर्जा जलविद्युत संयंत्रों से आती है.क्या आप जानते हैं कि एवरेस्ट का नेपाली नाम ‘सागरमर्था’ है, जिसका अर्थ है ‘आकाश का माथा’. कहा जाता है कि हिममानव नेपाल में घूमता है, लेकिन किसी ने इसे नहीं देखा है! गायें नेपाल का राष्ट्रीय पशु हैं और पवित्र मानी जाती हैं.