इस राजा के जन्म पर इतनी शैंपेन उड़ी और बुलबुले बने कि उनका नाम ही ‘बबल्स’ रख दिया, बेटी बनी सांसद, थे सबसे अमीर राजा
देश के कई महाराजाओं की आदतें विचित्र थीं तो कुछ के नाम अजीब. किसी को क्या अंदाज है कि देश के सबसे अमीर राजघरानों में एक जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह का नाम बुलबुले क्यों था. इसकी भी एक कहानी है. ये कहानी जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. वैसे महाराजा ने भारत की ओर कई युद्धों में हिस्सा लिया. उन्हें लोग उनके प्रैंक और शरारतों के लिए याद करते हैं.
उनका पूरा नाम सवाई भवानी सिंह था. उनके पिता जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय थे. उनकी पहली पत्नी महारानी मरुधर कंवर देवी से पैदा हुए थे। महारानी की उम्र महाराजा से दोगुनी बड़ी थी. उनका जन्म जब 22 अक्टूबर, 1931 को हुआ तो बहुत बड़ा जश्न मनाया गया. उसकी वजह भी थी.
दरअसल बहुत सालों बाद जयपुर के महाराजा को पुत्र की प्राप्ति हुई थी. उस पर भी खास बात ये कि जयपुर में कई पीढ़ियों बाद किसी पुरुष वारिस का जन्म हुआ. इससे पहले कई महाराजाओं को गोद लेकर महाराजा बनाया गया था.
भवानी सिंह का जन्म समारोह पूरे धूमधाम के साथ मनाया गया. समारोह में अनगिनत शैंपेन की बोतलें खोली गईं. जिससे चारों तरफ़ बुलबुले हो गए. इस कारण से जयपुर के महाराजा ने भवानी सिंह जी का उप नाम बबल्स यानि रख दिया. बाद तक उन्हें बबुलबुले महाराजा भी कहा जाता रहा.
उनके प्रैंक यानि शरारतें मशहूर थीं
भवानी सिंह काफी प्रतिभाशाली और प्रैंक करने में काफी तेज. उनकी शरारतों के भी काफी किस्सें हैं. बबल्स या बुलबुले अजीबोगरीब शरारतें करके सभी से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए भी जाने जाते थे. उन्होंने एक बार मेहमानों को पार्टी पर बुलाया, जिसमें मसाले से भरा लाल मांस पेश किया जाना था, जो राजस्थानी व्यंजन है, जब उन्होंने डिश चखी तो बीयर और पानी था. खैर बाद में उन्हें वहीं व्यंजन परोसा गया. महाराजा खासी पार्टी देते थे. एक से एक मिठाइयां उनकी पार्टी में परोसी जाती थीं.
सांसद दीया कुमारी उन्हीं की बेटी
वह एक जाने माने पोलो खिलाड़ी भी थे. उन्होंने जयपुर में विश्व कप की शुरुआत भी की. उनकी शादी 1966 में सिरमौर की राजकुमारी पद्मिनी देवी से हुई. जिससे हुई बेटी दीया कुमारी फिलहाल बीजेपी की सांसद हैं. भवानी सिंह ने दीया कुमारी के बेटे पद्मनाभ सिंह को गोद लिया था, जो अपने दादा की तरह ही एक अनोखा उपनाम रखतें हैं – पचो.