‘मुस्लिम वोट बैंक के चलते प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो रहे कुछ लोग’, बोले VHP के आलोक कुमार

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने विपक्ष के नेताओं के प्राणप्रतिष्ठा में ना जाने, स्वामी प्रसाद मौर्य और राम मंदिर से बीजेपी को होने वाले चुनावी फायदे के आरोप पर टिप्पणी की है. टीवी 9 भारतवर्ष से बातचीत करते हुए आलोक कुमार ने कहा कि राम जी का मंदिर बन रहा है, ये पूरे समाज के लिए है. विश्वभर में समाज के लोग इकट्ठा होंगें. बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भव्य तरीके से आयोजित की गयी है.

उन्होंने कहा, “हमने पीएम को न्योता दिया तो विपक्ष के नेता को भी दिया. जेपी नड्डा को दिया तो मल्लिकार्जुन खरगे को भी दिया. हमने बैलेंस रखकर सबको बुलाया. राजनीति कहां है इसमें? जो आने में संकोच कर रहे हैं उनके मन में राजनीति या वोट बैंक हो सकता है, हम तो सबके स्वागत को तैयार है.” उन्होंने कहा कि मुस्लिम वोटबैंक के चलते कुछ लोंगों को बहुत देर लगा, जिन्होंने पहले कहा था कि आएंगे. जो आए उनका स्वागत, जो नहीं आए उनकी इच्छा.

कारसेवकों पर गोली चलाना सरकार प्रयोजित हत्या थी

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो लोग कारसेवकों पर गोली को सही ठहरा रहे हैं, वो घावों को हरा कर रहे हैं जो कि कष्टदायक है.वो दमनचक्र वाली सरकार थी. रामधुन वालों पर बिना चेतावनी सीने पर गोली चलाई. ये सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा हत्या थी. समाज को हमारा वचन है की इस घटना को याद कराते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, यूपी में जो सनातन का लगातार अपमान कर रहे है समय आने पर लोकतांत्रिक पद्धति से समाज जवाब देगा. उन्होंने कहा कि पूजित अक्षत हम 10 करोड घर और उसके जरिए 50 करोड लोगों तक पहुंचाएंगें. हिंदू इक्ट्ठा होकर मंदिर में आरती करेंगे और देखेंगे.

जो विरोध कर रहे हैं, जनता देगी जवाब

आलोक कुमार ने कहा कि जो कारसेवक पैदल आए थे. उनके मन में चुनाव नहीं था, ना वो चुनावी कैंडिडेट थे. उसमें अधिकांश बीजेपी के कार्यकर्ता भी नहीं थे. राम मंदिर का आंदोलन हमने स्वाभिमान के पुनर्स्थापन के लिए लड़ा. इसका असर चुनाव में तो होगा ही.

उन्होंने कहा कि भारत के सनातन, धर्म, मंदिर, रामजन्मभूमि, रामजी का अपनान करने का परिणाम जरूर होगा और हिंदू समाज जरूर इन सब पर विचारों करेगा. बाकि जो विरोध कर रहे हैं तो उनपर भी जनता विचार करेगा. अगर वो आ जाते तो राजनीति समाप्त हो जाती.

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