‘कांग्रेस को नसीहत देना बंद करें’, संजय निरुपम ने संजय राउत को लगाई फटकार

महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के घटक दल एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट में तकरार मची है. ठाकरे समूह के सांसद संजय राउत के बयान पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है. उन्होंने कहा कि रोज-रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करना बंद करना चाहिए. यह आदत बंद करनी चाहिए. कांग्रेस को नसीहत देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होनी चाहिए. बीजेपी पर हमला बोलने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी चाहिए.

बता दें कि इसके पहले संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना उन 23 सीटों पर लड़ने जा रही है. हमारा (उद्धव ठाकरे का) रुख पहले जीती गई सीटों पर चर्चा करने का था. क्या कांग्रेस ने कोई सीट जीती है? नहीं. कांग्रेस शून्य से शुरुआत करना चाहती है. अगर कांग्रेस को शून्य से शुरुआत करनी है तो हमें कांग्रेस पर चर्चा करनी होगी. क्योंकि हम एक साथ हैं.

उन्होंने कहा कि संजय राउत को इस बात का एहसास हुआ है कि कांग्रेस को एक ताकत है. 24 घंटे के अंदर एहसास हुआ कि कांग्रेस के गली-मोहल्ले के नेता की एक ताकत है. राष्ट्रीय नेता ने कल शून्य कहा था, ये अच्छा नहीं लगा. जो व्यक्ति कभी चुनाव नहीं लड़ा वो 138 साल पुरानी पार्टी को नसीहत नहीं दे और सहयोगी दल का अपमान करना बंद करे. एक-दूसरे को कम आंकने की जरूरत नहीं है.

अकेले कोई नहीं जीत सकता

संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी तीनों दल इस समय कमजोर हैं और अकेले कोई नहीं जीत सकता है, जिन्हें लगता है कि सबसे बड़ी पार्टी है. वो मुंबई या मुंबई के बाहर अकेले दम पर एक सीट जीतकर दिखा दे. शिवसेना को एनसीपी, कांग्रेस की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि हमारे इलाके में / जिले में ( लोकसभा सीट) शिवसेना में एक अनाधिकृत उम्मीदवार को आश्वासन दिया है. वो इलाके में घूम रहा है. उस व्यक्ति पर खिचड़ी घोटाले को लेकर EOW जांच कर रही है. ED के पास फाइल है.

उन्होंने सवाल किया कि क्या बालासाहेब की पार्टी शिवसेना की दुर्गति हो गई कि घोटाले में लिप्त उम्मीदवार बनेंगे? रोज रोज प्रेस कान्फ्रेंस करने की आदत बंद करनी चाहिए. कांग्रेस को नसीहत, कांग्रेस पर टिप्पणी करने के लिए प्रेस वार्ता नहीं होनी चाहिए. रोज प्रेस वार्ता करनी है तो भाजपा के खिलाफ लो.

शीट शेयरिंग को लेकर मची तकरार

संजय निरुपम ने कहा कि स्थानीय नेताओं से बातचीत नहीं करेंगे. इस बयान को शिवसेना वापस ले और मिलकर बात करे. वंचित बहुजन आघाड़ी को लेकर हमे दिक्कत नहीं पर तीन पार्टियों में सीट बंटवारे पर पेंच फंसा है.

बता दें कि शिवसेना ठाकरे समूह ने 23 सीटों पर दावा किया था. इसके बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने दिल्ली में महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई. महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है कि ठाकरे गुट 23 सीटों पर दावा नहीं कर सकता. क्योंकि उनके कई सांसदों ने पार्टी छोड़ दी है, पार्टी टूट गयी है. शरद पवार गुट को लेकर भी उनकी यही स्थिति है. क्योंकि उनकी पार्टी भी टूट चुकी है.

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