Success Story: नौकरी को बाय बाय कहकर शुरू किया अपना ये बिजनेस, अब हर महीने कमा रहे 60 लाख से ज्यादा

खुद का बिजनेस (Business startup) शूरू करना वैसे तो आसान काम नही है। लेकिन आजकल नौकरी से भी व्यक्ति उतना अर्जित नही कर पाता है जितना कि उसका खर्चा होता है।

इसलिए खुद का बिजनेस ही एक अच्छा विकल्प साबित होगा। जहां बात हो बिजनेस की तो कड़ी मेहनत से ही व्यक्ति इसे आसमान की ऊंचाईयों तक पहुंचा सकता है।

फूड स्‍टार्टअप ‘पोहेवाला’ के फाउंडर (Founder of food startup ‘Pohewala’) चाहुल बलपांडे (Chahul Balpande) और पवन वादिभास्मे (Pawan Wadibhasme) इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं

कि अगर ईमानदारी से कड़ी मेहनत की जाए तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. चाहुल इंजीनियरिंग करने और पवन एमबीए करने के बाद ही कंपनी में काम करते थे.

कंपनी उन्‍हें समय पर सैलरी नहीं देती थी. हर महीने पेमेंट लेट होता और दोनों को अपनी मेहनत की कमाई हासिल करने के लिए इंतजार करना पड़ता. ऐसे में उन्‍होंने अपना ही काम करने की सोची.

बता दें कि दोनों दिन में ऑफिस में काम करते और रात को महाराष्‍ट्र के नागपुर में पोहे बेचते थे. कुछ ही दिनों में उन्‍हें लोगों का खूब रिस्‍पॉन्‍स मिला तो साल 2018 में उन्‍होंने नौकरी छोड़ पूरी तरह पोहे बेचना ही शुरू कर दिया.

अपने ब्रांड का नाम उन्‍होंने ‘पोहेवाला’ (Pohewala) रखा और पोहे की कई वैरायटी पेश की. आज 6 वर्षों में ही देश के 15 शहरों में उनके आाउटलेट है. हर महीने पवन और चाहुल 60 लाख रुपये से ज्‍यादा कमाते हैं.

चाहलु और पवन ने पार्किंग और फूड स्‍टार्टअप (food startup) शुरू करने की सोची. लेकिन, जब उन्‍होंने मार्केट रिसर्च की तो उन्‍हें फूड स्‍टार्टअप में भविष्‍य ज्‍यादा उज्‍ज्‍वल नजर आया.

फर्स्‍ट हैंड एक्‍सपीरियंस हासिल करने को उन्‍होंने पहले रात में एक छोटी सी जगह पर पोहे बेचने शुरू किए. इससे उन्‍हें इस सेक्‍टर में संभावनाओं का तो पता चला ही साथ ही यह भी जानकारी उन्‍हें हासिल हुई कि ग्राहक आखिर चाहते क्‍या हैं.

विविधता से मिली सफलता

सही बिजनेस स्‍ट्रेटेजी (business strategy), ग्राहकों की मन की सही थाह और समय के साथ नवीनता लाकर आज वे हर महीने 60 लाख रुपये से ज्‍यादा कमा कर रहे हैं. मई 2018 में उन्होंने नागपुर में अपने कारोबार की शुरुआत की.

आरंभ में उन्‍होंने रात में कुछ घंटों के लिए पोहा बेचना शुरू किया. वो रात में दस बजे से सुबह 6 बजे तक पोहे बेचते थे. इससे उन्‍हें न केवल बाजार की गहरी समझ हुई बल्कि अपनी बिजनेस रणनीति को परखने का मौका मिल गया.

चाहुल ने बताया है कि वह लगातार लोगों की पसंद और नापसंद पर भी गौर करते रहे. उन्होंने पोहे की 13 वैरायटी तैयार की. ऑर्गेनिक पोहे बेचने की भी शुरुआत सबसे पहले उन्‍होंने की. आज पोहेवाला ब्रांड (pohewala brand) के पनीर पोहा, इंदौरी पोहा, नागपुर स्पेशल तारी पोहा, चिवड़ा पोहा, मिश्रा पोहा बहुत प्रसिद्ध है.

बिजनेस के लिए सही स्‍ट्रेटेजी है जरूरी

अपने एक इंटरव्‍यू में चाहुल बलपांडे ने बताया कि कोई बिजनेस छोटा बड़ा नहीं होता. आपका इनोवेशन का फॉर्मूला, क्वालिटी और मार्केटिंग जैसी बारीकियां उसे कामयाब बनाती हैं. बिजनेस शुरू करने से पहले सही स्‍ट्रेटेजी बनाना जरूरी है.

ब्रांड की स्ट्रेंथ बढ़ाने के साथ मार्केटिंग और प्रोडक्ट की क्वालिटी पर फोकस करना जरूरी है. काम शुरू करते ही उन्‍होंने अपनी एक वेबसाइट भी शुरू की.

इसके जरिए वो पोहे की ऑनलाइन सेल भी करने लगे. चाहुल का कहना है कि उन्होंने पूरी प्लानिंग के साथ बिजनेस शुरू किया. जिसका नतीजा आज ये है कि उनके 15 से ज्‍यादा आउटलेट खुल चुके (business tips) हैं.

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