Success Story: 4500 रुपये की नौकरी करते थे आतिफ, सड़क पर कुर्तियां भी बेची, अब चलाते हैं 3 कंपनियां, कमाते हैं करोड़ों रुपये

जेब में महज 13 हजार रुपये थे. फिर कपड़ों की दुकान पर नौकरी की. यहां तक कि नौकरी के साथ साथ फहड़ी भी लगाई. अब आतिफ की तीन कंपनियां हैं. वह खुद तो करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. साथ ही 15 लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. कहानी हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सोलन शहर के आतिफ की है. जो किसी के लिए भी प्ररेणा से कम नहीं है.

आतिफ कभी सोलन के मॉल रोड पर सड़क किनारे कुर्तियां बेचते थे और अब सोलन में फार्मा कंपनी चलाते हैं. अब उनका करोड़ों का कारोबार है. जिस बिल्डिंग में वह उन्होंने अपनी कंपनी चला रहे है, वह उन्होंने डेढ़ करोड़ रुपये में खरीदी है.

सोलन शहर के रहने वाले आतिफ आलम की इस कामयाबी पर हर कोई हैरान तो ही है. साथ ही प्रेरणास्त्रोत भी बता रहे हैं. न्यूज18 से बातचीत में आतिफ ने बताया कि साल 2012 अपनी पत्नी सारा के साथ बड़े-बड़े सपने लेकर बिहार से सोलन आए थे. तब उनकी जेब में महज 13,000 रुपये थे. इस दौरान उन्होंने सोलन में पत्नी के साथ कपड़े की दुकान पर काम किया. यहां उन्हें महज 4500 रुपये वेतन मिलता था.

संडे को बेचते थे कुर्तियां  

वह बताते हैं कि संडे को छुट्टी होती थी. इसलिए उन्होंने सोचा कि एक दिन कुछ और जरिये से कमाई की जाए. बस फिर क्या था. सड़क किनारे फड़ लगा कर कुर्तियां बेचने लगे. फिर एक दिन जब उनके मालिक ने कई माह तक उन्हें तनख्वाह नहीं दी तो फिर उन्होंने बिजनेस करने की सोची. हालांकि, इस बीच फार्मा कम्पनी में भी नौकरी की. मेहनत के दम पर अपने से वरिष्ठ कर्मचारियों का दिल जीता, उनसे काम सीखा. अब वह अपनी फार्मा कम्पनी चला रहे है, जिसमें अब वह उस हर ज़रूरत मंद का सहारा बन रहे हैं. वह बताते हैं कि 15 लोगों को उन्होंने नौकरी पर रखा है.

आतिफ बताते हैं कि शुरू में उन्होंने परिवार को नहीं बताया था कि वह सड़क किनारे कुर्तियां बेचते हैं. लेकिन उनकी बहन को सब पता है. उनकी बहन डॉक्टर हैं. वह सोलन जब आई तो उन्होंने भी कुर्तियां बेचने में उनकी मदद की.

पिता ने इमानदारी की शिक्षा दी-आतिफ

आतिफ आलम वह मूल रूप से बिहार के आरा जिला के भोजुपर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने पिता से केवल मेहनत और ईमानदारी की शिक्षा ली. जो भी उन्हें काम मिला, उसे उन्होंने ईमानदारी और कड़ी मेहनत से किया. इसके दम पर उन्होंने यहाँ के लोगों का भरोसा जीता. यहाँ के लोगों ने भी उनका समय पर मार्गदर्शन किया और पत्नी का साथ उन्हें मिला. आतिफ ने बताया कि कई बार खाने को भी कुछ नहीं था, लेकिन उन्होंने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए केवल मेहनत करते गए. आज उनके पास करीबन 15 कर्मचारी कार्य कर रहे है. इनके साथ वह ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं. आतिफ ने बताया कि वह कमाई का हिस्सा कंपनी के कर्मचारियों में वितरित करते हैं. दो साल पहले उनके यहां नौकरी करने वाले लोगों की सैलरी अब दोगुना हो गई है.

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