मकर संक्रांति पर इस विधि से की जा सकती है सूर्य देव की पूजा, जानें- अर्घ्य देने का सही तरीका
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन से सूर्य देव शनि देव की राशि मकर में प्रवेश करते हैं. इसी वजह से इस त्यौहार का खास महत्व है और इस दिन मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है. यह पर्व सूर्य देव को ही समर्पित है और इस दिन उनकी पूजा से सुख समृद्धि के द्वार खुलते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन विधि विधान के साथ सूर्य देव की पूजा पूरी श्रृद्धा के साथ करते हैं और उन्हें जल चढ़ाते हैं. सूर्य उनकी समस्त मनोकामनाओं को जल्द ही पूरा कर देते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और सूर्य पूजा को बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन खिचड़ी का दान करना और भोजन के रूप में खिचड़ी खाना भी बहुत शुभ होता है. ज्योतिषाचार्य नारायण हरि शुक्ला ने बताया है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने की सही विधि क्या है.
ये हैं पूजा करने की सही विधि
- इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको शुभ फल प्राप्त होता है.
- इस दिन सूर्य देव की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठें और पवित्र नदी में स्नान करें. यदि आप नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल डालें.
- स्नान के बाद तांबे के लोटे में लाल फूल और अक्षत मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें. यदि आप सूर्य देव के मंत्रों का जाप करेंगे तो आपके लिए शुभ होगा.
- इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे और ऐसी मान्यता है कि उनके मकर राशि में प्रवेश करते ही मौसम में बदलाव होने लगेगा.
- सूर्य देव को भगवान शिव के तीन नेत्रों में से एक नेत्र को सूर्य की उपमा दी गई है और मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव प्रत्यक्ष दर्शन देते हैं.
- सूर्य देव की पूजा के लिए मकर संक्रांति का दिन सबसे शुभ माना गया है. इसलिए इस दिन सूर्य की उपासना जरूर करें.
सूर्य देव को ऐसे दें अर्घ्य
- अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए तो मकर संक्रांति के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करें और स्नान के पानी में गंगाजल जरूर मिलाएं.
- गंगाजल न हो तो तुलसी की मंजरी भी डाली जा सकती है. स्नान के बाद साफ-सुथरे या नए कपड़े पहनें और सूर्य देव का ध्यान करें. 21 बार सूर्य नमोस्तु श्लोक का जाप करें.
- इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरें और नंगे पैर घर की बालकनी या छत पर जाएं. सूर्य देव के 12 नामों का जाप करें और इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें.
- सूर्य को अर्घ्य देते समय ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।। इस मंत्र का जाप करें। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तीन बार उसी स्थान पर घूमें, यह सूर्य देव की परिक्रमा करने के बराबर माना जाता है.
संक्रांति पर करें सूर्य चालीसा का पाठ
मकर संक्रांति के दिन सूर्य चालीसा का पाठ करना भी अति उत्तम माना जाता है, इसके अलावा आदित्य हृदय स्त्रोत का जाप कर सकते हैं और सूर्य देव से अपने उज्जवल भविष्य की कामना करें. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव के सामने अन्न, जल, वस्त्र आदि रखें और फिर इन चीजों का दान जरूरतमंद को करें तो सूर्य देव प्रसन्न हो जाते हैं. ऐसे में मकर संक्रांति पर सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही यह खास उपाय कर सकते हैं.