सर्वे: यूपी में फिर बीजेपी का बजेगा डंका, NDA को मिल सकती हैं इतनी सीटें; अखिलेश-कांग्रेस का क्या हाल?
UP Loksabha Election Survey: देशभर में कुछ महीनों के बाद लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी को हराने के उद्देश्य से कांग्रेस समेत 28 दल साथ आए हैं और इंडिया नामक गठबंधन बनाया है। विपक्ष की रणनीति बीजेपी के खिलाफ एक साझा उम्मीदवार देने की है। ऐसे में आगामी चुनाव दिलचस्प हो गया है। यूपी में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा की सीटें हैं और यही वजह है कि सियासत में कहा जाता है कि सत्ता का रास्ता यूपी होकर ही जाता है। यूपी की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वाराणसी से दो बार से सांसद हैं।
आम चुनाव को लेकर एक सर्वे सामने आया है। एबीपी न्यूज और सी वोटर के सर्वे में बताया गया है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को एक बार फिर से बंपर सीटें मिल सकती हैं। यानी कि बीजेपी का फिर से प्रदेश में डंका बजने की संभावना है। एनडीए गठबंधन को प्रदेश में 73-75 सीटों के मिलने का अनुमान है। जबकि इंडिया अलायंस में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस, एसपी को महज चार से छह सीटों तक का ही अनुमान जताया गया है। बसपा की बात करें तो शून्य से दो सीट पार्टी को मिल सकती है। वहीं, वोट फीसदी की बात करें तो एनडीए को सबसे ज्यादा 49 फीसदी वोट हासिल हो सकता है।
चुनावी सर्वे में बताया गया है कि कांग्रेस और एसपी वाले इंडिया अलायंस में यूपी में 35 फीसदी वोट मिल सकता है और एनडीए के बाद सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत जाता हुआ दिख रहा है। इसके अलावा, बसपा को पांच फीसदी और अन्य को 11 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। इस ओपिनियन पोल को करते समय 13 हजार से ज्यादा लोगों से बात की गई है। खास बात यह है कि देश की सभी 543 सीटों पर यह सर्वे किया गया है। 15 दिसंबर से 21 दिसंबर के बीच सी वोटर ने इस सर्वे को किया है।
वहीं, सर्वे में यह भी सवाल पूछा गया कि क्या राहुल गांधी और प्रियंका को यूपी से चुनाव लड़ना चाहिए तो इस पर 50 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि 33 फीसदी ने नहीं कहा। इसके अलावा, 17 फीसदी ने पता नहीं जवाब दिया। एक यह भी सवाल किया गया कि यदि सीधे प्रधानमंत्री चुनना हो तो किसे यूपी की जनता चुनेगी। इस पर पीएम मोदी को 60 फीसदी, राहुल गांधी को 30 फीसदी, दोनों नहीं 8 फीसदी और पता नहीं के विकल्प को 2 फीसदी वोट मिले।