बदलते मौसम में ऐसे रखें खुद का ख्याल, इन तरीकों से रहें फिट
मौसमी परिवर्तन पीने के पानी और खान-पान को प्रभावित करते हैं जिसके परिणामस्वरूप डायरिया संबंधी बीमारियां और कुपोषण होता है. मलेरिया और डेंगू जैसे मच्छर (वेक्टर) जनित संक्रमण मौसम परिवर्तन से प्रभावित होते हैं.
जब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है तो सर्दी और खांसी आसानी से हो जाती है. मानव शरीर का चयापचय मौसम बदलने के साथ-साथ बदलता है. योग, व्यायाम और प्राणायाम हर मौसम में आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. नियमित व्यायाम प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है और वायरल संक्रमण से बचाता है.
ये हैं कुछ बीमारियां
मौसमी फ्लू होने का खतरा: यह सबसे आम संक्रमण है जो कई वायरस के कारण होता है जो ठंडे मौसम में पनपते हैं और मानव शरीर की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करते हैं. कुछ सामान्य लक्षण हैं नाक बहना, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना आदि. साथ मौसम बदलने से श्वसन संबंधी एलर्जी की स्थिति पैदा होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और मनुष्य को इसकी चपेट में आने का खतरा होता है.
थायरॉयड ग्रंथि की अनियमितताएं: विभिन्न मौसमों के दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण विभिन्न मौसमों के दौरान थायराइड हार्मोन के स्तर में परिवर्तन होता है. सर्दियों में, अधिक गर्मी पैदा करने और शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए थायराइड हार्मोन में वृद्धि होती है. अत्यधिक पसीना आने जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं,