पूरे पैसे ले की बुकिंग, ऐन मौक पर रूम देने से OYO ने किया मना, बंदे ने ऐसे सिखाया कंपनी को सबक

कंपनियां और दुकानदार बहुत बार ग्राहकों को सही सर्विस या प्रोडक्‍ट उपलब्‍ध नहीं कराते हैं. अधिकतर मामलों में ग्राहक कोई कार्रवाई नहीं करता और अपने साथ हुई नाइंसाफी को मन मारकर सह लेता है. लेकिन, गुड़गांव के रहने वाले एक शख्‍स ने पैसे लेकर बुकिंग करने के बावजूद कमरा न देने पर ओयो (OYO) को अच्‍छा सबक सिखाया है. विभोर अग्रवाल नाम के इस शख्‍स ने ओयो की इस कारस्‍तानी को चुपचाप सहने की बजाय उपभोक्‍ता विवाद निवारण आयोग का रुख किया. आयोग ने ओयो को सेवाओं में कमी का दोषी मानते हुए कंपनी को 3,461 रुपये की बुकिंग राशि 9 फीसदी की वार्षिक ब्‍याज सहित लौटाने, 25 हजार रुपये हर्जाना और 10,000 रुपये वाद खर्च के रूप में देने का आदेश दिया है.

विभोर अग्रवाल ने अपने एक मेहमान के लिए ओयो होटल में एक कमरा तीन रातों के लिए बुक किया था. इसके लिए उन्‍होंने 3,461 रुपये बुकिंग राशि भी दी. ओयो ने उसी दिन बुकिंग की पुष्टि एक ईमेल के माध्यम से किया. लेकिन, जब विभोर मेहमान के साथ होटल में पहुंचे तो होटल ने बुकिंग कंफर्म न होने की बात कहकर कमरा देने से इंकार कर दिया. इसके बाद विभोर को 849 रुपये की अतिरिक्त लागत के साथ एक वैकल्पिक बुकिंग करनी पड़ी.

उपभोक्‍ता फोरम में कर दी शिकायत

विभोर अग्रवाल ने ओयो की इस हरकत पर कंपनी को सबक सिखाने की ठानी. उन्‍होंने उपभोक्‍ता विवाद निवारण आयोग में कंपनी की शिकायत कर दी. ओयो ने आयोग मे दलील दी कि उसने बुकिंग कंफर्म नहीं की थी. लेकिन, ओयो द्वारा विभोर अग्रवाल को भेजे ई-मेल और 849 रुपये रिफंड के रूप में देने को सहमत होने को आधार बनाते हुए आयोग ने कंपनी की बुकिंग कंफर्म न होने की दलील अस्‍वीकार कर दी. आयोग ने कहा कि कंपनी ‘सेवा में कमी’ की दोषी है.

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