वृषभ राशि
वृषभ राशि चक्र की दूसरी राशि है जिसका राशि चिन्ह ’बैल’ होता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि बैल स्वभाव से बहुत पारिश्रमी और वीर्यवान होता है, लेकिन साधारण तौर पर वह शांत रहता है, लेकिन यदि इसे क्रोध आ जाये तो यह उग्र रूप धारण कर लेता है। यही स्वभाव वृषभ राशि के लोगों में भी देखने को मिलता है। वॄष राशि का विस्तार राशि चक्र के 30 अंश से 60 अंश के बीच मिलता है। इस राशि का स्वामी ग्रह “शुक्र” है।
वृष- शारीरिक बनावट
वृष राशि के जातकों का चेहरा खुशनुमा और भरा हुआ होता है। इनकी त्वचा बहुत कोमल होती हैं।
इस राशि के जातक के होंठ खूबसूरत होते हैं।
इनके चेहरे का आकार अण्डाकार होता हैं।
इनकी नाक गोल और उपर की तरफ उठी हुई होती है।
इस राशि के लोगो का रंग साफ़ होता है।
अगर बालों की बात करें तो इनके बाल घने और चमकीले होते हैं।
इस राशि के लोगों का शरीर अनुपात में होता है।
इनका कपड़ो का चुनाव बेहतरीन होता है।
ये बहुत सलीकेदार होते हैं और इनका ध्यान इस बात पर होता है कि ये कैसे दिख रहें हैं।
वृष राशि वालों के हाथ की बनावट चौकोर आकार की होती है। वृष राशि वाले लोगों के पास बोलने की असाधारण क्षमता होती है।
इस राशि का व्यक्ति यदि शरीर से दुर्बल हों, तो उसे पौष्टिक अन्न ज्यादा खाना चाहिए तथा चर्बी युक्त पदार्थ का सेवन कम करना चाहिए।
इस राशि से जुड़े जिन व्यक्तियों के हाथ की अंगुली अथवा गाल पर तिल होता है, उनके पास पैसा की बचत बिलकुल नहीं हो पाती है।
वृष- व्यक्तित्व
वृषभ राशि के व्यक्ति शांतिप्रेमी होते हैं। जब उन्हें लगता है कि समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा है, तब वह इतने ज्यादा गतिशील हो जाते हैं कि उस समस्या का हल ढूंढकर ही रहते हैं। इस राशि के लोग संगीत की शक्ति से संपन्न होते हैं। इस राशि के जातक अपनी वाणी से एक समय पर सैकड़ों लोगों को प्रभावित और आकर्षित कर सकते हैं। वृष राशि के लोगों को सौदेबाजी करना पसंद होता है। इस राशि के जातक बाहर से जितने कठोर दिखाई देते हैं, भीतर से उतने ही नरम होते हैं।
वृषभ राशि वाले व्यक्ति कलाप्रिय, दृढ़, दयालु प्रकृति, साथ ही परिवर्तन-प्रिय भी होते हैं। इस राशि के लोग चतुर होते हैं और अपनी विचारधारा और योजना का किसी को भी सुराग तक लगने नहीं देते हैं। ये लोग जब किसी काम में लगते हैं, तो सभी कामों को छोड़कर पहले उसे ही पूरा करने में लग जाते हैं। वृष राशि के लोग प्रयत्न और परिश्रम को विशेष महत्व देते हैं।
इन्हें मिथ्यावादी अथवा घमंडी प्रकृति के लोग बिलकुल पसंद नहीं होते। यह अपमान को सहन नहीं कर पाते। ऐसे व्यक्ति अनुमान के बड़े पक्के होते हैं। उनकी गणनाएं एकदम सटीक होती हैं। वृष राशि के जातक को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता I
चक्र की दूसरी राशि है जिसका राशि चिन्ह ’बैल’ होता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि बैल स्वभाव से बहुत पारिश्रमी और वीर्यवान होता है, लेकिन साधारण तौर पर वह शांत रहता है, लेकिन यदि इसे क्रोध आ जाये तो यह उग्र रूप धारण कर लेता है। यही स्वभाव वृषभ राशि के लोगों में भी देखने को मिलता है। वॄष राशि का विस्तार राशि चक्र के 30 अंश से 60 अंश के बीच मिलता है। इस राशि का स्वामी ग्रह “शुक्र” है।
वृष- शारीरिक बनावट
वृष राशि के जातकों का चेहरा खुशनुमा और भरा हुआ होता है। इनकी त्वचा बहुत कोमल होती हैं।
इस राशि के जातक के होंठ खूबसूरत होते हैं।
इनके चेहरे का आकार अण्डाकार होता हैं।
इनकी नाक गोल और उपर की तरफ उठी हुई होती है।
इस राशि के लोगो का रंग साफ़ होता है।
अगर बालों की बात करें तो इनके बाल घने और चमकीले होते हैं।
इस राशि के लोगों का शरीर अनुपात में होता है।
इनका कपड़ो का चुनाव बेहतरीन होता है।
ये बहुत सलीकेदार होते हैं और इनका ध्यान इस बात पर होता है कि ये कैसे दिख रहें हैं।
वृष राशि वालों के हाथ की बनावट चौकोर आकार की होती है। वृष राशि वाले लोगों के पास बोलने की असाधारण क्षमता होती है।
इस राशि का व्यक्ति यदि शरीर से दुर्बल हों, तो उसे पौष्टिक अन्न ज्यादा खाना चाहिए तथा चर्बी युक्त पदार्थ का सेवन कम करना चाहिए।
इस राशि से जुड़े जिन व्यक्तियों के हाथ की अंगुली अथवा गाल पर तिल होता है, उनके पास पैसा की बचत बिलकुल नहीं हो पाती है।