HRA क्लेम के मामले में टैक्सपेयर्स को मिली बड़ी राहत, जानिए इनकम टैक्स के नियम

 हाल ही में सामने आ रही जानकारी के अनुसार इनकम टैक्स विभाग ने HRA क्लेम के मामले में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। खासकर, जिन टैक्सपेयर्स के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के डेटा बेमेल हो रहे थे.

उनके लिए तो यह डूबते को तिनके का सहारा है। दरअसल, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टेक्सेस (Central Board of Direct Taxes) ने साफ कहा है कि HRA क्लेम से संबंधित मामलों की जांच के लिए स्पेशल ड्राइव का कोई इरादा नहीं है। इस तरह की खबरें निराधार हैं।

CBDT ने कहा कि टैक्सपेयर्स और आयकर विभाग (income tax) के पास उपलब्ध डेटा के बीच अंतर होने के कुछ मामले आए हैं। लेकिन ऐसे मामलों के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जाएगा।

इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा CBDT ने कहा कि जो मामले सामने आए हैं, उनमें डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को सचेत किया है ताकि वे सुधार कर सकें।

जान लें क्या है पूरा मामला?

इस मामले के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए काफी कर्मचारियों द्वारा भुगतान किए गए किराए के दावे और जिन्हें किराए दिए गए उनके डेटा बेमेल पाए गए थे। डेटा एनालिसिस (Data analysis) के बाद कई मामले सामने आए.

तो ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस जारी किया गया। पता चला कि बड़ी संख्या में HRA और किराये के भुगतान के गलत दावे किए गए। हालांकि वैसे ही मामलों की जांच की गई जो हाई वैल्यू वाले थे।

इन फालतू अफवाहों पर न दें ध्यान

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा है कि ई-वेरिफिकेशन का उद्देश्य (Purpose of e-verification) ऐसे मामलों को लेकर टैक्सपेयर्स को सचेत करना था। ऐसे मामलों को फिर से खोलने के लिए कोई स्पेशल अभियान नहीं चलाया जाना है। इसे लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर जो बातें कही जा रही हैं, वे निराधार हैं। अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

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