Telegram vs WhatsApp: फीचर्स से सिक्योरिटी तक, क्यों टेलीग्राम नहीं दे पाया व्हॉट्सऐप को टक्कर?
इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp यूजर्स की हमेशा से ही पहली पसंद रहा है, व्हॉट्सऐप से मुकाबले के लिए मार्केट में उतरा क्लाउड बेस्ट मैसेजिंग ऐप Telegram बेशक यूजर्स के बीच पॉपुलर है लेकिन ये ऐप कभी व्हॉट्सऐप को कांटे की टक्कर नहीं दे पाया. दोनों ही ऐप्स में यूजर्स की सुविधा और जरूरतों को समझते हुए वैसे तो ढेरों काम के फीचर्स दिए गए हैं लेकिन फिर भी ऐसा क्या हुआ जो व्हॉट्सऐप ही लोगों की पहली पसंद बना हुआ है? आइए जानते हैं.
आज हम आप लोगों को बताएंगे कि Telegram और WhatsApp में कौन-कौन से फीचर्स मिलते हैं और दोनों ही ऐप्स में से कौन सा ऐप यूजर्स की सेफ्टी के लिहाज से सबसे ज्यादा सेफ है?
सेफ्टी और सिक्योरिटी में कौन आगे?
फीचर्स से भी पहले यूजर्स का ध्यान किसी भी ऐप में इस बात पर जाता है कि वो ऐप आखिर कितना सिक्योर है? WhatsApp में सभी चैट्स और कॉल्स डिफॉल्ट रूप से एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ आती हैं लेकिन टेलीग्राम में आप लोगों को सिर्फ सीक्रेट चैट्स में ही एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर का फायदा मिलेगा, जबकि बाकी चैट्स कंपनी के क्लाउड पर स्टोर होती है.
सीक्रेट चैट्स में भी एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन को मैनुअली ऐनेबल करना पड़ता है. सेफ्टी के मामले में कोई भी समझौता नहीं करना चाहता, यही वजह है कि व्हॉट्सऐप यूजर्स की पहली पसंद बन चुका है क्योंकि ये ऐप यूजर्स की सेफ्टी का खास ख्याल रखता है.
फीचर्स के मामले में कौन है आगे?
व्हॉट्सऐप में यूजर्स की सुविधा के लिए कई काम के फीचर्स दिए गए हैं, फीचर्स तो दोनों ही ऐप्स में ओवरलोडेड हैं लेकिन मुख्य अंतर की बात करें तो व्हॉट्सऐप के पास बिजनेस यूजर्स के लिए भी अलग से अकाउंट बनाने की सुविधा है जो फिलहाल टेलीग्राम के पास नहीं है.
यूजर इंटरफेस
व्हॉट्सऐप का यूजर इंटरफेस सिंपल है जिसे कोई नया यूजर भी आसानी से समझ सकता है. इस ऐप का नेविगेशन सिस्टम स्ट्रेट फॉरवर्ड है, अलग-अलग फीचर्स के लिए अलग-अलग टैब्स दिए गए हैं जैसे कि चैट्स के लिए अलग टैब, स्टेट अपडेट्स और कॉल्स के लिए अलग जिससे कि किसी भी उम्र का व्यक्ति इस ऐप में किसी भी चीज को काफी आसानी से ढूंढ सकता है.
वहीं, दूसरी तरफ टेलीग्राम में अलग-अलग थीम्स और चैट बैकग्राउंड्स के साथ ज्यादा कस्टमाइजेबल यूजर इंटरफेस दिया गया है. इस ऐप में ढेरों पर्सनलाइजेशन ऑप्शन मिलते हैं, लेकिन इसका डिजाइन थोड़ा कॉम्प्लेक्स यानी जटिल लगता है लेकिन ये ऐप उन लोगों की पसंद बन सकता है जो पर्सनलाइजेशन एक्सपीरियंस चाहते हैं.
रेगुलेटरी चुनौतियां
WhatsApp का रेगुलेटरी और सरकारी नीतियों के साथ बेहतर तालमेल है, खासकर भारत जैसे बड़े बाजार में तो वहीं Telegram को कई देशों में नियमों का पालन करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
भले ही टेलीग्राम में ढेरों शानदार फीचर्स और जरूरी सेवाएं मौजूद हैं लेकिन इन सब के बावजूद भी ऊपर बताए गए कारणों की वजह से टेलीग्राम अभी तक व्हॉट्सऐप को व्यापक रूप से टक्कर नहीं दे पाया है. Telegram की पॉपुलैरिटी बढ़ रही है लेकिन WhatsApp का दबदबा अभी भी बरकरार है.