Telerobotic Surgery : टेली रोबोटिक सर्जरी क्या है, हजारों किलोमीटर दूर से भी डॉक्टर कर देते हैं सफल इलाज
मरीजों को बेहतर और अच्छा इलाज देने के लिए हेल्थ सेक्टर में कई तरह की नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे मरीजों का सफल इलाज भी हो रहा है. कोरोना महामारी के बाद से स्वास्थ्य के क्षेत्र में एआई का यूज भी काफी बढ़ गया है. बीते कुछ सालों से टेली मेडिसिन का चलन भी बढ़ा है. अब हेल्थ सेक्टर में टेली रोबोटिक सर्जरी (Tele robotic surgery) भी आ गई है. यह मरीज के इलाज की एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से डॉक्टर हजारों किलोमीटर दूर बैठकर भी डॉक्टर इलाज कर सकते हैं.
टेली रोबोटिक सर्जरी से दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज का इलाज किया गया है. यह मरीज राजीव गांधी अस्पताल में था, लेकिन डॉक्टर ने गुरुग्राम के एक सेंटर में थे. इतनी दूर से भी कैंसर मरीज का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया है. इस मरीज के शरीर में ट्यूमर बन गया था, जिसको सर्जरी के जरिए निकाला गया है. मरीज अब रिकवर कर रहा है और जल्द ही उसको अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
टेली रोबोटिक सर्जरी क्या होती है
कैंसर इंस्टीट्यूट के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुधीर रावल के मुताबिक, इस तकनीक से मरीज का ऑपरेशन कई किलोमीटर दूर से भी किया जा सकता है. इसके लिए अस्पताल में एक रोबोट की जरूरत होती है. मरीज के पास सर्जरी के लिए जरूरी उपकरण और कैमरा रखा जाता है. कैमरे को रोबोट की मदद से मरीज के शरीर में डाला जाता है. फिर इसी रोबोट को सेंटर से बैठकर डायरेक्शन दी जाती है. रोबोट की सहायता से मरीज की सर्जरी हो जाती है. इस सर्जरी का फायदा यह है कि शरीर में बहुत छोटा चीरा लगाना पड़ता है और खून भी कम बहता है. सामान्य सर्जरी की तुलना में रिकवरी भी जल्दी हो जाती है.
हाई स्पीड इंटरनेट की जरूरत
डॉ. सुधीर के मुताबिक, इस तकनीक से मरीज का इलाज करने के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की जरूरत होती है. कम से कम 5 जी स्पीड चाहिए होती है. सर्जरी को गुरुग्राम के सेंटर से ऑपरेट किया जाता है. इस दौरान मरीज के पास भी एक डॉक्टर मौजूद होता है. यह डॉक्टर रोबोट की निगरानी करता रहता है और सेंटर में मौजूद डॉक्टर रोबोट को कमांड करता है. इस दौरान डॉक्टर की आंखों पर काला चश्मा होता है और हाथों में सेंसर वाले रिमोट कंट्रोल होते हैं.
जिस रोबोट को डॉक्टर डायरेक्शन देते हैं उसकी पांच पतली आर्म होती हैं. इनके साथ ही एक इमर्सिव 3 डी एचडी हेडसेट होता है. जिससे मरीज के अंगों के अंदर का एकदम साफ विजन आता है. 40 से 45 मिनट में ही सर्जरी पूरी हो जाती है.
किन बीमारियों के मरीजों को होती है यह सर्जरी
दिल्ली में सर्जन डॉ. सुनील कुमार बताते हैं कि टेली रोबोटिक सर्जरी का यूज पहले अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में किया जाता था, लेकिन अब भारत के कुछ प्राइवेट अस्पतालों में इस तकनीक से मरीज का इलाज किया जाता है. टेली रोबोटिक सर्जरी का यूज किडनी, लंग्स और यूट्रस जैसे कैंसर के इलाज में सफलतापूर्वक किया जा सकता है. इसका खर्च में 1 लाख रुपये के अंदर ही होता है. अगर सर्जरी छोटी है तो इससे भी कम लागत में ऑपरेशन हो जाता है.