कर्नाटक: कन्नड़ में साइनबोर्ड की मांग पर आंदोलन हुआ उग्र, बेंगलुरु बंद का अल्टीमेटम
कर्नाटक की दुकानों और बिजनेस प्रतिष्ठानों में साइनबोर्ड कन्नड में लिखने की मांग पर कर्नाटक रक्षणा वेदिके अड़ गया है. कन्नड भाषा में साइनबोर्ड की मांग पर प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ कन्नड़ समर्थकों ने प्रदर्शन किया और बेंगलुरु बंद का प्रस्ताव पेश किया. शुक्रवार को कर्नाटक फोरम ने सभी दुकानों में कन्नड़ नेमप्लेट लगाने के लिए एक विशाल रैली आयोजित की, जिसके दौरान विभिन्न भाषाओं में लगे बोर्ड नष्ट कर दिए गए. पुलिस ने इस सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है. होटल और शोरूम के मालिक की शिकायत पर बेंगलुरु उत्तर तालुक के चिक्कजला पुलिस स्टेशन में धारा 143,147,120 (बी)283,308,353,333 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सदाहल्ली के ब्लूम होटल समेत कई लोगों ने शिकायत की. इस शिकायत के आधार पर चिक्कजला पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और वीडियो में दिख रहे शख्स की पहचान का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है.
कर्नाटक डिफेंस फोरम ने पहले बेंगलुरु में एक कन्नड़ नेमप्लेट रैली आयोजित की थी और दुकानदारों ने मांग की थी कि 60% नेमप्लेट कन्नड़ में होनी चाहिए. साथ ही रैली के दौरान अलग-अलग भाषाओं में लिखे दुकानों के बोर्ड भी हटा दिए गए. इस सिलसिले में पुलिस ने नारायण गौड़ा समेत कई करावे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उनमें से कुछ अब जमानत पर बाहर हैं.
कन्नड़ समर्थकों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन
कन्नड़ समर्थक संगठनों ने नारायण गौड़ा समेत करावे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर आक्रोश व्यक्त किया है और राज्य के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया है और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला है. आज निंदा सभा हुई और कुछ प्रस्ताव लिए गये. कन्नड़ समर्थक संगठनों ने हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा नहीं किए जाने पर बेंगलुरु बंद करने पर चर्चा की है.
कर्नाटक रक्षणा वेदिके कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग को लेकर आज शहर में कन्नड़ कार्यकर्ताओं की एक विरोध बैठक आयोजित की गई. बैठक में दो अहम प्रस्ताव लिए गए, जिसमें मुख्य रूप से बेंगलुरु बंद को लेकर अहम चर्चा हुई.
बेंगलुरु बंद के प्रस्ताव पर चर्चा
हिरासत में रखे गए कन्नड़ लोगों को बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए. निंदा सभा में दो अहम फैसले लिए गए कि समर्थकों पर से मुकदमा वापस लिया जाए. कहा जा रहा है कि अगर इसे जारी नहीं किया गया तो बेंगलुरु शहर बंद के आह्वान को लेकर एक और दौर की बैठक होगी. 28 फरवरी तक कन्नड़ नेमप्लेट अनिवार्य हो जानी चाहिए. यदि नहीं, तो कर्नाटक रक्षा मंच के प्रवीण शेट्टी ने नेम प्लेटों के खिलाफ फिर से लड़ने का आह्वान किया है.
दूसरी ओर, सीएम सिद्धारमैया ने चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि साइनबोर्ड में 60% कन्नड़ अनिवार्य है. इसे विज्ञापन बोर्डों पर भी लागू किया जाना चाहिए. अगर इस बारे में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. सीएम सिद्धारमैया ने कल चेतावनी दी थी कि अगर कोई कानून हाथ में लिया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.