21 साल से कम की नहीं हो सकती दुल्हन, देश में कहां नए कानून का हो गया ऐलान

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने शादी के लिए बेटियों की न्यूनतम उम्र सीमा में तीन साल के इजाफे का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य में अब बेटियों की शादी 21 वर्ष से पहले नहीं की जा सकेगी।

इसके लिए उनकी सरकार कानूनी प्रावधान करने जा रही है। मौजूदा वक्त में बेटियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है और तो लड़कों के लिए 21 है।

सुक्खू ने साफ किया कि मौजूदा विधानसभा सत्र में यह बदलाव कर दिया जाएगा। सीएम ने सोमवार को केलांग में लाहौल शरद उत्सव का शुभारम्भ करते हुए मंच से इसका ऐलान किया। सुक्खू ने कहा, ‘अभी हमारा विधानसभा सत्र चल रहा है। हम अपनी बेटियों के लिए एक और योजना लेकर आ रहे हैं। हमने कहा अब बेटी की शादी की उम्र 18 साल नहीं होगी। हिमाचल हिन्दुस्तान में पहला राज्य बनने जा रहा है जहां हम बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने जा रहे हैं।’

प्रस्तावित बदलाव को जनवरी में ही सुक्खू कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब विधानसभा में सरकार बिल पेश करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि मौजूदा बजट सत्र में कानून में संशोधन किया जा सकता है। इसके बाद राज्य में दूल्हे और दुल्हन दोनों के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल हो जाएगी।

महिलाओं के पेंशन में भी इजाफा

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लाहौल-स्पीति के जिला मुख्यालय केलांग में ही रविवार को ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सम्मान निधि’ योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत जिला लाहौल-स्पीति की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1500 रुपए प्रति महीने पेंशन प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहला हिमाचल दिवस स्पीति घाटी के काजा में मनाया था और वहां 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह प्रदान करने की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा लाहौल-स्पीति में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सम्मान निधि योजना शुरू करने के साथ-साथ प्रदेश में 1100 रुपए पेंशन प्राप्त करने वाली 2.37 लाख महिलाओं को भी एक फरवरी 2024 से 1500 रुपए दिए जाएंगे।

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