बच्चा हो गया है जिद्दी और देने लगा है उल्टा जवाब तो डांटे नहीं बस ये 4 काम करें, बन जाएगा आज्ञाकारी और संस्कारी लाडला

एक शोध में यह पाया गया है कि बच्‍चों को डांटने या मारने से उनमें सुधार नहीं होता, बल्कि वह और भी जिद्दी और गुस्‍सैल हो जाते हैं. यही नहीं, कम उम्र में ही उनमें डिप्रेशन (Depression) और नेगेटिविटी आने लगती है और वे कई गलत कदम उठाने लगते हैं. इस तरह अगर आप यह सोच रहे हैं कि आप अपने बच्‍चे की बदतमीजी को मारपीट कर या डांट-डपट कर ठीक कर सकते हैं तो आपकी सोच गलत है. यहां हम बता रहे हैं कि आप बत्तमीज और जिद्दी (stubborn) होते बच्‍चों में किस तरह से सुधार(discipline) ला सकते हैं. हर माता पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा काबिल बने और उनकी बातें सुनें. ऐसे में इन बातों का विशेष ध्यान रखें पैरंट्स.

बदतमीज और जिद्दी बच्‍चों की आदतों में इस तरह लाएं सुधार (How to discipline your child)

बच्‍चे का दें समय

यूनीसेफ के एक रिसर्च में यह पाया गया कि अगर माता पिता बच्चे के लिए समय नहीं निकालते और उनकी परेशानियों को सुनते नहीं, ऐसे बच्‍चे अपने माता पिता या अन्‍य लोगों के साथ बदतमीजी करने लगते हैं और जिद्दी बन जाते हैं. इसलिए टीवी, मोबाइल को बंद कर बच्‍चों के लिए पर्सनल समय निकालें.

बच्‍चों की आदतों को सुधारना है तो उनकी अच्‍छी आदतों को रीकॉल करें और उसकी तारीफ करें. बेहतर होगा कि आप तारीफ लोगों के सामने भी करें. इस तरह उसे अच्‍छा काम करने के लिए मोटिवेशन मिलेगा और वह बुरी आदतों को खुद छोड़ने लगेगा.

उन्‍हें गाइड करें

बच्‍चों को सही समय देखकर यह जरूर बताएं कि उनके लिए क्‍या करना अच्‍छा है और क्‍या बुरा. इस तरह वे सही दिशा का चुन पाएंगे और हौसले के साथ उस दिशा में आगे कदम बढ़ा पाएंगे.शोधों में यह पाया गया है कि अगर बच्‍चे को खाली रखने की बजाय अगर क्रिएटिव काम को करने में लगा लिया जाए तो वे कुछ नया करने के लिए अफर्ट करेंगे. इससे उनका दिमाग पॉजिटिव रहेगा और वे अच्‍छा व्‍यवहार करेंगे.

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