UP के इस शहर में लगेगा देश का सबसे बड़ा अल्कोहल प्लांट, 300 से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
भैंसाना, रोहाना, मोरना, खाईखेडी, टिकौला, बागपत जिले में रमाला, बागपत, मलकपुर और सहारनपुर जिले में शाकुंभरी, सरसावा, ननौता, देवबंद, गांगनौली, गागलहेड़ी, शेरमऊ चीनी मिलें हैं। हालांकि शामली चीनी मिल में 100 किलोलीटर की डिस्टलरी प्लांट है।
थानाभवन चीनी मिल का डिस्टलरी प्लांट सहारनपुर जिले के गागलहेड़ी में है। मुजफ्फरनगर जिले की चीनी मिल मंसूरपुर, खतौली समेत तीन डिस्टलरी प्लांट हैं। इसमें दो प्लांट चालू हैं। बागपत जिले में तीन चीनी मिला के पास डिस्टलरी प्लांट नहीं है।
ऊन चीनी मिल का डिस्टलरी प्लांट नहीं था। राणा समूह की ऊन चीनी मिल ने शराब बनाने के लिए डिस्टलरी प्लांट लगाने का मुहिम शुरू की है। ऊन चीनी मिल के यूनिट हैड अवनीश कुमार चौधरी ने बताया कि ऊन चीनी मिल की ओर से डिस्टलरी प्लांट लगाने कार्य शुरू हो गया है।
जनवरी 2024 को डिस्टलरी प्लांट बन कर तैयार हो गया। उन्होंने बताया कि इस प्लांट के चालू होने से 300 बेरोजगार को रोजगार मिलेगा। मिल के गन्ना महाप्रबंधक कुलदीप पिलानिया ने बताया कि ऊन चीनी मिल की 300 किलो लीटर की शराब का डिस्टलरी प्लांट है।
जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डिस्टलरी प्लांट होगा। जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि ऊन चीनी मिल ने डिस्टलरी प्लांट लगाने के लिए आबकारी विभाग से अनुमति मांगी थी।
पिछले छह माह से डिस्टलरी प्लांट लगाने कार्य चल रहा है। दिसंबर 2023 तक डिस्टलरी प्लांट लगाने के लिए लक्ष्य दिया गया था। जनवरी तक प्लांट का कार्य पूरा हो गया। तीन लाख किलोलीटर प्रतिदिन की शराब बनाने की इकाई होगी।