सालों पहले हुए गुनाह से दुबई में हुआ सामना, हकीकत जान UAE से किए गए दफा, दिल्‍ली में पहले हुई गिरफ्तारी और अब..

जिंदगी के तमाम हसरतों के साथ दुबई पहुंचे अकमल हुसैन को क्‍या पता था कि यहां उसका सामना उसके पुराने गुनाहों से हो जाएगा. दुबई एयरपोर्ट पर अकमल का राज खुलते ही अकमल को न केवल हिरासत में ले लिया गया, बल्कि अगली उपलब्‍ध फ्लाइट से उसे दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया गया. वहीं आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचते ही इस शख्‍स को एयरपोर्ट पुलिस ने हिरासत में लेकर सलाखों के पीछे भेज दिया.

आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि अकमल हुसैन मूल रूप से असम के करीमगंज का रहने वाला है. वह टूरिस्‍ट वीजा पर दुबई गया था. दुबई एयरपोर्ट पर अकमल के पासपोर्ट और वीजा की जांच के बाद दुबई एयर बॉर्डर कंट्रोल के अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया. इसके बाद, अकमल को आईजीआई एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया गया था. आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद अकमल को इमीग्रेशन ने हिरासत में लेकर एयरपोर्ट पुलिस के हवाले किया था.

इमीग्रेशन की शिकायत के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी अकमल हुसैन के खिलाफ आईपीसी की धारा 474/420/468/471/120B और पासपोर्ट एक्‍ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर गई. जांच में पता चला कि आरोपी टूरिस्‍ट वीजा पर दुबई गया था. जांच के दौरान, दुबई एयर बॉर्डर कंट्रोल के अधिकारी ने पाया कि अकमल के पासपोर्ट पर लगे सिंगापुर के वीजा में अनिवार्य सिक्‍योरिटी फीचर नहीं थे, जिसके आधार पर उसे डिपोर्ट कर दिया गया था.

1.20 लाख रुपए में हासिल किया था सिंगापुर का वीजाआईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, अकमल हुसैन ने पूछताछ में बताया है कि उसने सुनील लुना नामक शख्‍स की मदद से सिंगापुर की यात्रा की थी. सिंगापुर का वीजा हासिल करने के लिए उसने सुनील लुना को करीब 1.20 लाख रुपए का भुगतान किया था. वहीं, अकमल के खुलासे के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने सुनील लुना के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है. उसकी तलाश में राजस्‍थान के विभिन्‍न इलाकों में छापेमारी की जा रही है.

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