खूंखार टाइगर पर पत्थरों और दराती से लगातार वार, महिला बाघ के जबड़े से सहेली को खींच लाई
उत्तराखंड के चंपावत जिले में एक महिला ने खूंखार बाघ के हमले को नाकाम कर दिया। टाइगर पर पत्थरों से लगातार वार कर महिला ने अपनी सहेली को बाघ से बचा लिया। हालांकि, बाघ से भिडंत में महिला बुरी तरह से घायल भी हुई है।
एक महिला पड़ोसी सहेली को बचाने के लिए खूंखार बाघ से भिड़ गई। इतना ही नहीं इस महिला ने ताबड़तोड़ पत्थर बरसाकर और दराती से वारकर सहेली को करीब 200 मीटर जंगल के अंदर खींचकर ले गए बाघ को खदेड़ दिया। गंभीर रूप से घायल महिला को अस्पताल लाया गया।
जहां उसके सिर में 24 टांके और शरीर के अन्य हिस्सों में पंजों के निशान लगे। प्राथमिक इलाज के बाद महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया है। इस घटना से क्षेत्र में दहशत है। मंगलवार को उचौलीगोठ गांव निवासी गीता देवी (36) पत्नी रमेश सिंह महर, जानकी देवी और पार्वती चारा पत्ती लेने के लिए करीब तीन किमी दूर बूम क्षेत्र के जंगल गई थीं।
दोपहर करीब सवा बारह बजे एक बाघ ने अचानक गीता पर हमला बोल दिया और घसीटता हुआ करीब 200 मीटर जंगल के अंदर ले गया। चीख-पुकार सुनकर जानकी देवी (28) पत्नी जितेंद्र महर ने हिम्मत दिखाते हुए गीता को बचाने के लिए हाथ में दरांती (घास काटने का धारदार औजार)लेकर बाघ के पीछे भागीं।
इस बीच वह जोर-जोर से चिल्लाते हुए बाघ पर ताबड़तोड़ पत्थर बरसाती रहीं। जानकी करीब चार मिनट तक बाघ से कुछ सेंटीमीटर दूरी तक संघर्ष करती रही। आसपास के ग्रामीणों का शोर होने पर अंतत बाघ खून से लथपथ गीता को छोड़कर भाग निकला। गंभीर हालत में गीता को उप जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ़ मो़हम्मद आफताब आलम ने बताया कि बाघ ने महिला के सिर पर हमला किया है। उसके सिर में 24 टांके आए हैं। इसके अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में भी पंजों के निशान हैं। महिला को प्राथमिक इलाज के बाद हायर सेंटर रेफर किया है
पत्थरों से वार कर बाघ को दौड़ाया
पड़ोसी सहेली गीता महर को बाघ के जबड़े से बचाकर लाने वाली 28 वर्षीय जानकी महर अपनी जान की परवाह किए बगैर खूंखार बाघ से संघर्ष करती रही। जानकी का कहना है कि बाघ और उसके बीच का फासला कुछ सेंटीमीटर का ही रहा होगा। इस बीच बाघ ने उनपर झपट्टा मारने का भी प्रयास किया, लेकिन उन्होंने दराती लहराते हुए हुए पीछे हटने को मजबूर कर दिया।