चलती बस में ड्राइवर को हार्ट अटैक आया, दम निकलने से पहले यात्रियों को बचाने के लिए जो किया, वो याद रहेगा

उड़ीसा के बालासोर जिले में बस चलाते हुए एक ड्राइवर को हार्ट अटैक आया. ड्राइवर को सीने में दर्द हुआ और वो बेहोश हो गया. उस समय बस में 60 से ज्यादा यात्री सवार थे. एक बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन बस ड्राइवर ने सीने में दर्द महसूस होते ही सबसे पहले यात्रियों की परवाह की.

बेहोश होने से पहले ड्राइवर बस को सुरक्षित एक किनारे लगा चुका था. अपनी सीट पर बेसुध पड़े ड्राइवर को लोग डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने बताया कि ड्राइवर की मौत हो चुकी है. लेकिन मरने से पहले ड्राइवर ने अपने सवारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की थी.

मंदिर जा रही थी पर्यटकों से भरी बस

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक घटना मंगलवार, 30 जनवरी की सुबह बालासोर के पातापुर चक में हुई. पुलिस ने बताया कि बस में पश्चिम बंगाल से आए पर्यटक थे. इन्हें लेकर बस पंचलिंगेश्वर मंदिर जा रही थी, तभी ड्राइवर शेख अख्तर को दिल का दौरा पड़ा. दर्द महसूस होते ही शेख अख्तर ने बस को सड़क के किनारे रोका. बस रोकते ही वो बेहोश हो गए.

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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने कहा,

“सीने में दर्द के बावजूद, बेहोश होने से पहले ड्राइवर ने बस को सड़क के किनारे रोक दिया. यात्रियों ने स्थानीय लोगों को बुलाया और ड्राइवर को हॉस्पिटल ले गए.”

लोगों ने क्या बताया?

स्थानीय लोग ड्राइवर शेख अख्तर को पास के नीलगिरि सब-डिविजनल हॉस्पिटल ले गए थे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. यात्रियों में से एक अमित दास ने बताया कि बस ड्राइवर की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. सड़क के एक तरफ गाड़ी रुकते ही वो बेहोश हो गए.

घटना के दौरान मौजूद पातापुर के मिहिर बेहरा ने बताया कि जब बस अचानक रुकी, तो उन्होंने सोचा कि बस में सवार लोगों ने बस रुकवाई है. लेकिन करीब से देखने के बाद उन्होंने देखा कि ड्राइवर अपनी सीट पर बेसुध पड़ा हुआ था. ये देखकर तुरंत एंबुलेंस को बुलाया गया और ड्राइवर को अस्पताल ले जाया गया.

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