सकट चौथ व्रत की सही तारीख, सबसे बड़ी चौथ कौन सी है? सर्वार्थसिद्धि योग, पूजा का मुहूर्त और चांद की किस समय कैसे करें पूजा

साल भर में हर महीने में दो बार चतुर्थी तिथि पड़ती है। कई चतुर्थी तिथि के बारे में आप जानते होंगे, जैसे करवा चौथ, गणेश चतुर्थी आदि लेकिन जनवरी में आने वाली माघ मास की चौथ को सकट चौथ कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश इसी दिन प्रकट हुए थे। इसलिए इस चौथ को धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल माघ मास 26 जनवरी से लग रहे हैं। 29 तारीख को चतुर्थी तिथि सुबह 6 बजे शुरू हो रही है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार यह 30 तारीख को होनी चाहिए, लेकिन सकट चौथ पर चौथ के चांद को ही अर्घ्य दिया जाता है, इसलिए चौथ का चांद 29 तारीख को ही दिखेगा, इसलिए बेहद शुभ संयोग सर्वार्थसिद्धि योग के साथ 29 जनवरी को सकट चौथ मनाई जाएगी।

इसे संकष्टी तिल चतुर्थी, गौरी चतुर्थी, माघी चौथ, वक्रतुण्ड चौथ, तिलकुटा चौथ आदि नामों से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। निर्जला रहकर व्रत रखती है और शाम को चांद को देखकर व्रत खोलती हैं।

माघ कृष्णपक्ष की चतुर्थी
29 जनवरी को सुबह 6.11 बजे से मध्यरात्रि तक
चंद्रोदय- रात 8 52 बजे चंद्रोदय होगा। अलग-अलग शहरों में चांद निकलने का समय अलग-अलग होगा। इसमें 10 मिनट का अंतर होगा।
चंद्रमा को अर्घ्य देकर गणेश जी की अर्चना की जाएगी। आपको बता दें कि इस बार चांद चौथ के दिन सिंह राशि में रहेंगे। इस दिन थाली सजाकर चांद को जल अर्पित किया जाता है। उनकी आरती उतारकर उन्हें खीर पूड़ी और तिल के प्रसाद का भोग लगाया जाता है। इसके बाद परिक्रमा देकर चांद को प्रणाम किया जाता है।

संकष्टी चतुर्थी व्रत
29 जनवरी, 28 फरवरी, 28 मार्च, 27 अप्रैल, 26 मई, 25 जून, ड्ट 24 जुलाई, 22 अगस्त, 21 सितंबर, 20 अक्तूबर,18 नवम्बर एवं 18 दिसंबर

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