करदाताओं को सरकार नये साल पर दे सकती है ये बड़ा तोहफा, 10 लाख रूपये की आय पर देना होगा मात्र इतना टैक्स
करदाताओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है, जो उनके लिये नये साल का तोहफा हो सकता है। खबर है कि सरकार टैक्स स्लैब की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं है। इसलिए, यदि आपकी वार्षिक आय 5 लाख रुपये से कम है, तो आपको आयकर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसकी घोषणा अगले बजट में की जा सकती है।
मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा। इसके बाद साल 2024 में पूरे देश में आम चुनाव होने हैं। ऐसे में ये अटकलें लगायी जा रही है या यूं कह लीजिये कि तय माना जा रहा है कि मोदी सरकार अपने आखरी पूर्ण बजट में टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत दे सकती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट 1 फरवरी, 2023 को पेश किया जाएगा। यह भी ध्यान दिया गया है कि व्यक्तिगत कर छूट की सीमा में पिछला बदलाव 2014 में हुआ था।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का पहला बजट पेश करते समय, तब-वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2 लाख रुपये से बढ़ा कर 2.5 लाख रुपये करने की घोषणा की।
खबरों की मानें, तो सरकार दो साल पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत पर्सनल टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसे 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना संभव है। अधिकारियों का दावा है कि इससे करदाताओं को राहत मिलेगी और वे अधिक पैसा निवेश कर सकेंगे। वैकल्पिक कर व्यवस्था की घोषणा सरकार ने दो साल पहले की थी। हालांकि, इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। इसलिए सरकार इसे और लोकप्रिय बनाने के लिए इसमें बदलाव करने की तैयारी कर रही है।
पुराने और नए टैक्स स्ट्रक्चर में अंतर
पुराने टैक्स कोड की धारा 80C और 80D ने करदाताओं को पैसे बचाने की अनुमति दी थी। हालांकि, नई व्यवस्था में इनमें से कई छूटों को खत्म कर दिया गया है। यही कारण है कि लगभग 10 से 12 करदाताओं ने ही वैकल्पिक कर व्यवस्था को चुना है। यह 2.5 लाख रुपए तक टैक्स फ्री है।
बजट 2023 में टैक्स स्लैब दरों में ये संशोधन हो सकते हैं:
20 लाख रुपये से अधिक की आय पर कर की दर 30% से घटा कर 25% की जा सकती है।
10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर कर की दर 30% से घटा कर 20% की जा सकती है।
नई कर व्यवस्था में 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के ब्रैकेट में आय के लिए स्लैब दर को 30% से घटाकर 20% किया जा सकता है।
नई व्यवस्था के तहत 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर कर की दर 30% से घटाकर 25% की जानी चाहिए।