धरती से सबसे महंगे तत्व, कई तो सोने से भी महंगे, तो कुछ केवल लैब में ही बन सकते

दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ फ्रांसियम है. इसके एक ग्राम की कीमत 8.313 अरब रुपये की है. मजेदार बात यह है कि फ्रांसियम दुनिया में कभी भी एक साथ नहीं देखा गया है. यह एक ऐसा रेडियोधर्मी पदार्थ है जिसकी हाफ लाइफ केवल 22 मिनट है, यानी कि ये 22 मिनट में ही दूसरे पदार्थ में बदल जाता है. इसका कोई व्यवहारिक उपयोग भी नहीं है फिर भी ये दुनिया का सबसे महंगा तत्व है.

कैलिफोर्निया नाम का तत्व भी रेडियोधर्मी तत्व है जो 1950 में सबसे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में बनाया गया था तब से यह केवल कुछ ही ग्राम की मात्रा में पैदा किया जा सका है. इसकी कीमत 2.25 अरब रुपये है. दुनिया में हर साल इसका उत्पादन केवल आधा ग्राम ही हो पाता है ।

कार्बन का दुनिया के सबसे महंगे तत्वों की सूची में शामिल है. वैसे तो यह पृथ्वी के सभी जीवों में मौजूद रहते है. इसके प्रचलित रूप कोयला या ग्रेफाइट बहुत महंगे नहीं हैं. अगर कार्बन के परमाणु खास तरह से जमा हों तो यह बहुत महंगा हो जाता है हीरे के रूप में इसकी कीमत 54 लाख रुपये प्रति ग्राम से भी अधिक हो जाती है.

प्लूटोनियम को दुनिया परमाणु बम या परमाणु संयंत्र में उपयोग में लाया जाने वाला पदार्थ समझती है. प्लूटोनियम के 239 और 241 दोनों ही स्वरूप रेडियोधर्मी होते हैं. इसका रखना और विस्फोट से बचाना बहुत ही बड़ी चुनौती है. इसके एक ग्राम की कीमत करीब 3.3 लाख प्रति ग्राम के आसपास होती है.स्कैन्डियम भी दुनिया में बहुत कम मात्रा में मिलने के कारण एक महंगा तत्व है. 1970 के दशक में सका एल्यूमीनियम की मिश्रधातुओं पर सबसे पहले इसका असर देखा गया था. आज तक इसका इसी कारण से उपयोग किया जाता है. इसके एक ग्राम की कीमत लगभग 22 हजार रुपये है.

ल्यूटेटियम भी पृथ्वी के दुर्लभ धातुओं में से एक है. इसके बहुत कम व्यवसायिक उपयोग है. लेकिन स्थिर ल्यूटेटियम का उपयोग पैट्रोलियम की रिफाइनरी में उपयोग होता है. इसके अल्काइलेशन, हेइड्रोजनेशन, पॉलिमराइजेशन जैसे प्रक्रियाओं में भी उपयोग होता है. एक ग्राम ल्यूटेटियम की कीमत करीब 5700 रुपये होती है.

प्लैटीनियम एक प्रसिद्ध धातु है जो बहुत कम प्रतिक्रिया करती है. इसमें अधिक तापमान में भी जंग नहीं लगता है. लेकिन यह भी पृथ्वी पर बहुत कम मिलती है. इसकी मांग बहुत अधिक होने पर भी साल में इसका उत्पादन केवल कुछ सौ टन ही होता है. इसके इस्तेमाल जेवर आदि में भी होता है. इसके अलावा यह ऑटोमोबाइल, चिकित्सा के क्षेत्र में भी उपयोग में लाई जाती है.

रोडियम का उपयोग गाड़ियों में बहुत ज्यादा होता है. इसकी खासियत यह होती है किइसमें किसी भी रसायन से जंग नहीं लगता है. इसे जेवरों में भी उपयोग में लाया जाता है. इसकी पतली परत सोने पर चढ़ाई जाती है, जिससे गहनों की चमक अलग ही हो जाती है. इसके एक ग्राम की कीमत 48 हजार रुपये होती है.

सोना दुनिया की सबसे लोकप्रिय और जेवरों में इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे महंगी धातुओं में से एक है. इसकी दुनिया में बहुत अधिक मात्रा में मांग है. पुरातन समय से ही इसकी चमक ने लोगों को आकर्षित किया है. दुनिया के सबसे महंगे तत्वों की सूची में सोने का स्थान 10वां है. इसके एक ग्राम की कीमत आज 5800 रुपये है.

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