समाधि में संत के लौटने का इंतजार… 10 साल से फ्रीजर में शरीर, अब वापस लाने के लिए समाधि में शिष्या
लखनऊ में जानकीपुरम सीतापुर रोड पर आनंद आश्रम है. यहां सेवादारों का कहना है कि गुरु मां आशुतोषांबरी ने 28 जनवरी को समाधि ली थी. अब उनके शरीर को सुरक्षित रखने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली है. उनका कहना है कि गुरु मां ने आशुतोष महाराज (ashutosh maharaj) को समाधि से वापस लाने के लिए खुद समाधि ली है.
दिव्य ज्योति जागृत संस्थान (Divya Jyoti Jagrati Sansthan) के संस्थापक आशुतोष महाराज (ashutosh maharaj) को लेकर दावा किया जा रहा है कि वे पिछले 10 साल से समाधि में हैं. अब उनकी शिष्या ने भी समाधि ले ली है. समाधि स्थल पर पहुंचकर इस संबंध में जब उनके शिष्यों से बातचीत की तो महामंडलेश्वर और बाबा महादेव ने बड़ा आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि दिव्य ज्योति जागृत संस्थान वालों ने आशुतोष महाराज के शरीर को डीप फ्रीजर में कैद करके रखा है, ताकि वे समाधि से कभी वापस ही न आ सकें. इसलिए आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्या आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) को आंतरिक संदेश भेजा और कहा कि वह उन्हें समाधि से वापस ले आएं, क्योंकि इन लोगों ने डीप फ्रीजर में कैद करके रखा हुआ है, इसीलिए मैं वापस नहीं आ पा रहा हूं.
महादेव बाबा ने कहा कि किसी को आज तक डीप फ्रीजर में समाधि की स्थिति में रखा गया है? यहां डॉ. स्वामी हरिदास आनंद भी हैं, जो खुद को इंग्लैंड का निवासी बताते हैं, उनका कहना है कि वे एक साल पहले आशुतोष महाराज की शिष्या आशुतोषांबरी के दर्शन के लिए लखनऊ आए थे. दर्शन के बाद इंग्लैंड गए, उसके बाद फिर आ गए. यहां आकर आशुतोषांबरी की सेवा और आश्रम कार्य में जुट गए.