पत्थर सजीव हो जाता तो फिर कोई मरता ही नहीं…रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर स्वामी प्रसाद ने उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म पर अपने बयानों की वजह से लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। अब उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा को ढोंग और आडंबर करार दिया है। उनका कहना है कि अगर प्राण प्रतिष्ठा से पत्थर सजीव हो जाता तो फिर तो कोई मरता ही नहीं। ऐसा हो सकता तो फिर क्यों नहीं चल सकते। राम मंदिर पर दिए अपने इस बयान की वजह से स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर सोशल मीडिया X पर ट्रेंड हो गए हैं। यूजर्स उनके पुराने विवादित वीडियो शेयर कर रहे हैं।
मंगलवार को गाजीपुर के लंका मैदान में स्वामी प्रसाद कर्पूरी ठाकुर सेना की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। समारोह में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का शताब्दी वर्ष जयंती मनाई गई। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में आए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार को केवल बड़े पूंजीपतियों की चिंता है। उन्हें छोटे कारोबारियों और गरीबी की कोई चिंता नहीं हैं। देश में बेरोजगारी पर कोई चर्चा न करे इसलिए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह जैसे ड्रामे किए जा रहे हैं। भगवान राम की पूजा तो हजारों साल से हो रही है। हजारों साल से जिनकी पूजा लोग कर रहे हैं उनके अंदर प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत है। सत्ता में बैठे लोग अपने पाप छिपाने के लिए ऐसे ड्रामे का सहारा ले रहे हैं। अगर यह वास्तव में कोई धार्मिक आयोजन होता तो इसमें चारों शंकराचार्य भी होते।
‘सिर्फ भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम बनकर रह गया’
स्वामी प्रसाद ने कहा कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा सिर्फ भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम बनकर रह गया। भाजपा सरकार जनता के मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। वह विरोधियों की आवाज दबाने के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रही है। आपको बता दें कि इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म के अस्तित्व पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि हिंदू जैसा कोई धर्म ही नहीं है। मौर्य के विवादित बयानों को लेकर सपा के भीतर से ही नाराजगी की खबरें आती रहती हैं। कहा जाता है कि सपा अध्यक्ष मौर्य से सार्वजनिक रूप से ऐसे बयान देने के लिए मना किया है।