सूरज में धमाका! निकला 7 सालों में सबसे बड़ा सौर तूफान!
सौर ऊर्जा लगातार धरती तक पहुंचती रहती है। लेकिन कई बार सूर्य पर ऊर्जा के विस्फोट होते हैं जिनके कारण ऊर्जा के तूफान धरती की ओर बढ़ते हैं। अधिक मात्रा में आई ऊर्जा सौर तूफान बन जाती है। ये सौर तूफान सोलर फ्लेयर या जियोमेग्नेटिक स्टॉर्म भी कहलाते हैं। अब तक कई सौर तूफान पृथ्वी से टकरा चुके हैं। जिनका धरती पर बड़ा प्रभाव देखा जाता है। लेकिन 7 सालों में सूर्य से सबसे बड़ा सौर तूफान उठा है जो बहुत शक्तिशाली बताया गया है।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार, यह सूर्य की 25वीं साइकल है। जब सूर्य 11 सालों की एक साइकल पूरी करता है तो 11वें साल इसकी सतह पर भारी विस्फोट होते हैं जिनसे ऊर्जा भारी मात्रा में निकलती है। सूर्य से X6.3 क्लास का सौर तूफान उठा है जो 7 सालों में सबसे बड़ा सौर तूफान बताया गया है। Space.com के अनुसार, 22 फरवरी को यह सौर तूफान अपने चरम पर था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, 24 घंटों में सूर्य के अंदर उठने वाला ये तीसरा सौर तूफान था। ये सौर तूफान सूर्य के एक खास एक्टिव हिस्से से निकलते हैं। बताया गया सौर तूफान AR 3590 नामक हिस्से से निकला है।
जब ये ऊर्जा के विस्फोट सूर्य पर होते हैं तो प्लाज्मा भारी मात्रा में ऊपर उठता है। इसे कोरोनल मास इजेक्शन (CME) कहते हैं। ज्यादा शक्तिशाली सोलर फ्लेयर धरती पर कम्युनिकेशन और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रभावित कर सकते हैं। इनके साथ निकला सोलर प्लाज्मा जब धरती के चारों ओर आवरण के रूप में मौजूद मेग्नेटिक फील्ड से टकराता है तो उसका प्रभाव कम्युनिकेशन जैसी सर्विसेज पर पड़ता है।