गांव में खड़े थे 8 ट्रैक्टर, कस्टम विभाग ने मारा छापा, मिला कुछ ऐसा, फटी रह गईं आंखें, थक गए तौलते-तौलते
चीन में निर्मित लहसुन नेपाल के रास्ते भारत के बाजारों में खपाया जा रहा है. तस्करी के इस खेल में अंतरराष्ट्रीय तस्करों का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के साथ कस्टम ने जब कार्रवाई की तो चीनी लहसुन की तस्करी का खुलासा हुआ है. एसएसबी की कार्रवाई में 8 ट्रैक्टर पर लगे 64 टन लहसुन को जब्त किया गया. इस कार्रवाई में तीन तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है. पूछताछ में पता लगा है कि चीन से लहसुन की बड़ी खेप नेपाल पहुंच रही है और वहां से यूपी और बिहार के बाजारों तक पहुंच रही है. लहसुन को बड़े-बड़े शहरों तक पहुंचाया जा रहा है.
इंडो-नेपाल बॉर्डर से एकसाथ आठ ट्रैक्टर लहसुन नेपाल से इंडिया में कैसे आए, इस पर भी अब सवाल उठने लगे हैं. एक ट्रैक्टर पर पचास लाख की कॉस्मेटिक सामग्री भी जब्त हुई है. एसएसबी और कस्टम विभाग ने जिले के सिकटा थाना क्षेत्र के पुरैनिया गांव में छापेमारी की थी. यहां उन्होंने आठ ट्रैक्टर पर 64 टन चाइनीज लहसुन बरामद किया और एक ट्रैक्टर से पचास लाख का कॉस्मेटिक सामग्री बरामद की गई है. साथ में दो तस्करो कों भी एसएसबी ने गिरफ्तार किया गया है.
एक ट्रैक्टर पर पचास लाख की कॉस्मेटिक सामग्री भी मिलीजानकरी देते हुए एसएसबी 47 वीं बटालियन के इंस्पेक्टर संजय कुमार शाह ने बताया कि गुप्त सूचना पर एसएसबी और कस्टम विभाग के अधिकारियों ने सिकटा गांव के पुरैनिया गांव में छापेमारी की. भारी मात्रा में लहसुन और कॉस्मेटिक सामग्री बरामद किया गया है. सभी जब्त ट्रैक्टरों, लहसुन, कॉस्मेटिक सामग्री को मोतिहारी कस्टम विभाग कों सौप दी दिया गया है. मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.
100 रुपये नेपाल में लहसुन का भाव है जो भारतीय बाजारों में करीब 350 रुपये तक बिक रहा है. इसी कारण नेपाल के रास्ते चीनी लहसुन का तस्करी जोरों पर है. कस्टम विभाग की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है.