नए साल 2024 में हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में होंगे बदलाव, आयु सीमा और 24 घंटे भर्ती रहने की शर्त समाप्त करने का प्रस्ताव
नए साल में स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) लेने की अधिकतम उम्र सीमा समाप्त हो सकती है। 65 वर्ष की उम्र के बाद भी लोग हेल्थ इंश्योरेंश खरीद सकेंगे। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेने के लिए अधिकतम प्रवेश आयु को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है। बीमा कंपनियां पांच वर्ष तक की अवधि की स्वास्थ्य बीमा पेश कर सकती हैं। जबकि, सामान्य बीमा और स्टैंडअलोन कंपनी अधिकतम तीन वर्ष के लिए पॉलिसी पेश कर सकती हैं।
इरडा ने जीवन बीमा कंपनियों को लाभ आधारित नीतियों की पेशकश करने की सलाह दी है। इसके तहत पॉलिसी के अंतर्गत आने वाली बीमारी होने पर निश्चित लागत मुहैया कराई जाती है। वहीं, इसके दायरे से अस्पताल के खर्चों की भरपाई करने वाली क्षतिपूर्ति आधारित नीतियां बाहर होंगी।
संस्था ने स्वास्थ्य बीमा नवीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कहा है। कंपनियों को सुझाव दिया कि पॉलिसी नवीकरण के दौरान समय, बीमा राशि में बदलाव न हो तो पॉलिसीधारक की स्वास्थ्य जांच कराने से बचें। इससे पॉलिसी रिन्यूवल कराने का अनुभव बेहतर होगा। इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि पॉलिसीधारकों को विभिन्न बीमाकर्ताओं से विभिन्न दावा करने की मंजूरी मिले। इससे बीमा लेने वाले को कई विकल्प मिलेंगे।
24 घंटे भर्ती रहने की शर्त भी समाप्त होने की संभावना: स्वास्थ्य बीमाधारकों को बड़ी राहत मिलने के आसार हैं। बीमा का लाभ पाने के लिए अस्पताल में 24 घंटे मरीज के भर्ती रहने की शर्त से बहुत जल्द छुटकारा मिल सकती है। सरकार इस नियम को बदलने पर विचार कर रही है। इसके लिए बीमा सेक्टर के रेगुलेटर बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) से बातचीत भी शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के चेयरमैन जस्टिस अमरेश्वर प्रसाद साही ने मेडिक्लेम पॉलिसी दावा में बदलाव पर जोर देकर कहा कि आजकल कई ऐसी सर्जरी है, जो कुछ घंटों में हो जाती है। मगर, स्वास्थ्य बीमा दावों के लिए मरीज का 24 घंटे अस्पताल में एडमिट रहना जरूरी है। अगर, कोई मरीज इस समय सीमा को पूरा नहीं करता तो कंपनियां बीमा दावों को अस्वीकृत कर देती हैं। उन्होंने कहा, कंपनियों को इस बारे में अपडेट होना चाहिए।
पंजाब और केरल कोर्ट ने कंपनियों को फटकार लगाई थी: गौरतलब है कि पंजाब और केरल के जिला उपभोक्ता न्यायालय ने इस साल अगस्त में स्वास्थ्य बीमा दावे को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। न्यायालय ने स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहने की शर्त पर फटकार लगाई थी और भर्ती मरीज को स्वास्थ्य बीमा के लाभों को देने का आदेश दिया था।