इन 10 देशों में हिंदू होंगे सबसे ज्यादा, अगले ढाई दशक मुस्लिम आबादी भी बढ़ेगी, ईसाई होंगे कम
दुनियाभर की धार्मिक आबादी में तेजी से बदलाव हो रहा है. एक रिसर्च के मुताबिक, अमेरिका में हर साल 20,000 लोग इस्लाम अपना लेते हैं. वहीं, अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के 2015 में किए गए एक शोध में पाया गया है कि साल 2050 तक दुनिया में धार्मिक आबादी में बहुत ज्यादा तेज बदलाव होगा. शोध में ईसाई, इस्लाम समेत हिंदू धर्म को भी रखा गया था. शोध के जरिये ये समझने की कोशिश की गई कि 2050 तक किस देश में कौन-सी धार्मिक आबादी सबसे ज्यादा होगी.
शोध में पाया गया कि साल 2050 में हिंदू धर्म को मानने वालों की आबादी पूरी दुनिया की जनसंख्या की 15 फीसदी पर पहुंच सकती है. तब तक भारत में सबसे बड़ी धार्मिक आबादी हिंदू धर्म को मानने वालों की ही होगी. अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक भारत में हिंदू आबादी एक अरब 29 करोड़ 70 लाख तक पहुंच जाएगी. अभी भारत में हिंदू धर्म के अनुयायियों की आबादी सबसे ज्यादा है. भारत में कुल जनसंख्या के 79 फीसदी से ज्यादा हिंदू ही हैं. हिंदू आबादी के मामले में भारत के बाद दूसरे नंबर पर नेपाल है. शोध के समय नेपाल में हिंदुओं की आबादी 3.812 करोड़ थी.
दो पड़ोसी देशों में हिंदुओं की बड़ी आबादी
जनगणना 2011 में नेपाल में करीब 81.3 फीसदी हिंदू थे. बता दें कि 2006 से पहले तक नेपाल हिंदू राष्ट्र था. फिर नेपाल ने खुद को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया. हालांकि, अब नेपाल से धर्म परिवर्तन की खबरें खूब आती हैं. वहीं, बांग्लादेश दुनिया का तीसरा देश है, जहां सबसे ज्यादा हिंदू हैं. बांग्लादेश में 2011 की जनगणना बताती है कि वहां हिंदू आबादी कुल जनसंख्या की 8.96 फीसदी है. मौजूदा समय में आबादी के मामले में भारत और नेपाल के बाद बांग्लादेश दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा हिंदू आबादी वाला देश है.
अमेरिका में भी बढ़गी हिंदुओं की आबादी
बंटवारे के बाद अलग हुए पाकिस्तान में करीब 56.30 लाख हिंदू हैं. इस आधार पर पाकिस्तान चौथा देश है, जहां सबसे ज्यादा हिंदू आबादी है. हालांकि, पाकिस्तान से जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें दुनिया के सामने आती रहती हैं. ऐसे में पाकिस्तान में हिंदुओं का भविष्य खतरे में ही नजर आता है.शोध के मुताबिक, सबसे ज्यादा हिंदू आबादी वाले देशों के मामले में अमेरिका 5वें नंबर पर हो सकता है. अनुमान है कि 2050 में अमेरिका में 47.8 लाख हिंदू होंगे. प्यू रिसर्च सेंटर ने ‘रिलिजियस लैंडस्केप स्टडी’ के तहत ये औसत निकाला था. रिसर्च के समय यानी 2015 में अमेरिका में हिंदू आबादी 22.3 लाख हो चुकी थी.
मुस्लिम बढ़ेंगे और ईसाई आबादी होगी कम
शोध के अनुमान के मुताबिक, 2050 तक इंडोनेशिया सबसे ज्यादा हिंदू के मामले में 8ठे नंबर पर पहुंच जाएगा. इंडोनेशिया में तब हिंदू आबादी 41.5 लाख हो सकती है. इसके बाद श्रीलंका, मलेशिया, ब्रिटेन और कनाडा में हिंदुओं की आबादी सबसे ज्यादा हो सकती है. अनुमान है कि इन देशों में हिंदू आबादी 10 से 40 लाख के बीच ही रह सकती है. शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले कुछ दशक में दुनियाभर में ईसाई धर्म को मानने वाली आबादी कम होगी. वहीं, मुस्लिम आबादी दुनियाभर में तेजी से बढ़ेगी. ऐसे में दुनिया में पहली बार ईसाई और मुस्लिम धर्म को मानने वालों की आबादी करीब-करीब बराबर हो जाएगी.
भारत-नेपाल के अलावा यहां आधे हिंदू
अफ्रीकी देश मॉरिशस की आधी आबादी हिंदू है. यहां ईसाई धर्म दूसरे और मुस्लिम समुदाय तीसरे नंबर पर है. यहां के ज्यादातर लोग भारतीय मूल के हैं. भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम यानी 1857 के समय मॉरिशस पर अंग्रेजों का अधिकार था. उन्होंने बंधुआ मजदूर के तौर पर बड़ी तादाद में भारतीयों को खेती कराने के लिए मॉरिशस भेजा. इनमें से ज्यादातर भारतीय बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से भेजे गए थे. इस देश की कुल आबादी 12.7 लाख है. कुल आबादी में करीब 70 फीसदी भारतीय मूल के हैं. हिंदुओं के बाद करीब 30 फीसदी ईसाई और 17 फीसदी मुस्लिम हैं.