किस्मत के धनी निकले ये तीन खिलाड़ी, घटिया प्रदर्शन के बावजूद मिल गया सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट

भारतीय क्रिकेट बोर्ड की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट सामने आए 48 घंटे होने वाले हैं। इस बीच प्लेयर्स के नामों को लेकर खूब चर्चा हो चुकी है। लिस्ट से ईशान किशन और श्रेयस अय्यर का पत्ता कटना भी सुर्खियों में बना हुआ है। चार कैटेगरी में कुल 30 खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। अगर आप खिलाड़ियों के नाम पर गौर डालेंगे तो समझ में आएगा कि सिर्फ प्रदर्शन ही सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट पाने का एकमात्र आधार नहीं था। मसलन ईशान किशन और श्रेयस अय्यर तो भारतीय टीम का मजबूत हिस्सा थे। दोनों पिछले साल 50 ओवर के विश्व कप में भी खेले थे। ईशान आखिरी बार दिसंबर में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान टेस्ट टीम में शामिल थे जबकि अय्यर ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रही मौजूदा सीरीज के पहले दो टेस्ट खेले। इस बीच आपको ऐसे तीन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जो सिर्फ और सिर्फ किस्मत के दम पर बीसीसीआई का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में कामयाब रहे।

इस विकेटकीपर को अबतक सिर्फ एक ही फॉर्मेट में भारत की ओर से खेलने का मौका मिला है। इतने मौके मिलने के बावजूद भरत आजतक किसी को प्रभावित नहीं कर पाए। सात टेस्ट मैच के करियर में उन्होंने 20.09 की साधारण औसत से सिर्फ 221 रन बनाए हैं, वह कबी 50 रन के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाए। हाल ही में, भरत ने टीम में अपनी जगह ध्रुव जुरेल से गंवा दी, जिससे उनके करियर पर खतरा मंडराने लगा है। भरत का भविष्य संकट में नजर आ रहा है। अगर ऋषभ पंत एक्सीडेंट से ठीक होकर वापसी करते हैं, तो संभावना है कि पंत और जुरेल आगे चलकर टीम के दो विकेटकीपर होंगे, जिसमें केएल राहुल भी शामिल होंगे। इसके अलावा, निकट भविष्य में भरत के लिए सफेद गेंद क्रिकेट खेलने की संभावना भी कम है। यह संभव है कि वह देश के लिए अपना आखिरी मैच पहले ही खेल चुके हों।

रजत पाटीदार​

रांची में भारत के लिए अपना तीसरा टेस्ट मैच खेलने वाले रजत पाटीदार भी ग्रेड सी का हिस्सा हैं। टेस्ट क्रिकेट में अबतक उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। धर्मशाला टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने के लिए तैयार रजत छह टेस्ट पारियों में केवल 63 रन ही बना पाए हैं, जिसका औसत 10.5 है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए एकमात्र वनडे में उन्होंने 22 रन का योगदान दिया। 30 वर्षीय बल्लेबाज को अभी तक टी-20 इंटरनेशनल खेलने का मौका नहीं मिला है। वह टी-20 वर्ल्ड कप स्क्वॉड के संभावितों में भी नजर नहीं आते। पाटीदार के खराब प्रदर्शन को देखते हुए यह तर्क दिया जा सकता है कि वह केंद्रीय अनुबंध के लायक नहीं थे। अगर वह रांची टेस्ट में नहीं खेलते तो शायद लिस्ट में भी जगह नहीं बना पाते।

मुकेश कुमार

जुलाई 2023 से तीन टेस्ट, छह वनडे और 14 टी-20 इंटरनेशनल खेल चुके मुकेश कुमार भले ही केंद्रीय अनुबंध पाने के सारे मानदंडों को पूरा करते हैं। हालांकि, भारतीय टीम के साथ उनका भविष्य अनिश्चित है क्योंकि उन्हें जल्द ही तीनों फॉर्मेट से बाहर किया जा सकता है। अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में मुकेश ने टेस्ट में सात विकेट, वनडे में पांच और टी-20 इंटरनेशनल में 12 विकेट लिए हैं। तीनों प्रारूपों में उनका प्रदर्शन खराब रहा है, जो बताता है कि उन्हें अभी काफी मेहनत की जरूरत है। 30 साल के हो चुके मुकेश के पास अब ज्यादा लंबे करियर की उम्मीद भी नहीं है। मुकेश खुद को केंद्रीय अनुबंध सूची में शामिल होने के लिए भाग्यशाली मान सकते हैं।

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