भीषण भूकंपों से तबाह हो गया था यह शहर, एक लाख लोग छोड़कर भाग गए थे

मतौर पर किसी सभ्यता का पूरा का पूरा शहर बाढ़ या फिर किसी दूसरी प्रजाति के हमले में बर्बाद हो जाता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने एक पुरातन शहर के बारे में पता लगाया है कि वह एक नहीं बल्कि पांच बड़े भूकंपों की शृंखला के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गया था.

मध्य अमेरिकी शहर तेओतिहुआकान एक समय एक महान शक्ति था, लेकिन इसका एक चौंकाने वाला अंत हुआ. जब इसके 100,000 निवासियों को भीषण झटके से बचने के लिए मजबूर होना पड़ा.

सभ्यता के प्रारंभिक काल में पांच भारी आवेगों के भूकंपों का सामना करना पड़ा, भूकंपीय हलचलें इतनी भारी थीं कि अब रिक्टर पैमाने पर उनकी तीव्रता 9.0 से अधिक होगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप ने क्षेत्र में सभ्यता के अचानक पतन में योगदान दिया होगा.

स्पेन के भूवैज्ञानिक और खनन संस्थान, आईजीएमई-सीएसआईसी, के विशेषज्ञों ने बताया कि इस बात की संभावना है कि प्रशांत तट के मेसोअमेरिकन ट्रेंच में बार-बार आने वाले मेगाथ्रस्ट भूकंप इमारत क्षति के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. टियोतिहुआकान के अचानक पतन के बारे में अन्य मौजूदा सिद्धांतों के साथ वैज्ञानिकों की इस सोच का कोई विरोधाभास नहीं है.


वैज्ञानिकों का कहना है कि उनका अध्ययन तेओतिहुआकान के पिरामिडों और मंदिरों के जर्जर होने की वजह का पता चल सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

उन मेगाथ्रस्ट भूकंपों पर शोध यह विचार करते हुए किया गया था कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अचानक होने से आंतरिक युद्ध या विद्रोह, और नागरिक अशांति बढ़ सकती है. 8.5 मील तक फैले और 100,000 निवासियों के टियोतिहुआकान शहर में सूर्य, चंद्रमा और पंख वाले सर्प देवता क्वेटज़ालकोट, एल पेस को श्रद्धांजलि देने वाली विशाल इमारतें हैं. लेकिन उनके पास प्लेट शिफ्टिंग भूकंपों को रोकने के लिए कोई स्मारक नहीं था और 550 ईस्वी से यह क्षेत्र जनसंख्या में भारी कमी, आग और ढही हुई इमारतों से त्रस्त था.

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उन भूकंपों का अब विशेषज्ञों के पास उपलब्ध पुरातात्विक जानकारी पर बड़ा प्रभाव पड़ा, जिन्होंने पाया कि शहर में अधिकांश नुकसान पंख वाले सर्प और सूर्य पिरामिडों को हुआ था. अनुसंधान बताता है कि मध्य अमेरिकी खाई भूकंपीय स्रोत हो सकती है. स्पैनिश और मैक्सिकन विशेषज्ञ स्वीकार करते हैं कि भूकंप का अन्य कारण हो सकता है, लेकिन इसे उनकी वर्तमान थीसिस से कम संभावना मानते हैं. बार-बार आने वाले भूकंपों से निकलने वाली उच्च भूकंपीय ऊर्जा, आदि टियोतिहुआकान के पूरे इतिहास में पिरामिड और मंदिर में देखी गई विकृतियों की व्याख्या कर सकती है.

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