इस देश की सैन्य जांच एजेंसी 68 साल से कर रही सांता क्लॉज़ का पीछा, बड़ी मजेदार है वजह

इस देश की सैन्य जांच एजेंसी 68 साल से कर रही सांता क्लॉज़ का पीछा, बड़ी मजेदार है वजह

आज पूरे विश्व में क्रिसमस डे परंपरागत हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। चर्च में आज सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। इस अवसर पर हम आपसे एक ऐसी जानकारी साझा करने जा रहा हैं जिसे शायद ही आपको पता हो। क्या आप जानते हैं अमेरिका और कनाडा की संयुक्त सैन्य एजेंसी सांता क्लॉज़ पर पिछले 68 वर्षों से नजर रख रही है। जी हां ये सच है। दरअसल, अमेरिकी-कनाडाई सैन्य निगरानी एजेंसी ने सांता के ठिकाने पर नज़र रखने की अपनी दशकों पुरानी क्रिसमस परंपरा को जारी रखा है। इससे दुनिया भर के बच्चों को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि उसकी रेनडियर, उपहार से भरी स्लेज शहर में कब आ रही है।

काल्पनिक विश्नव्यापी मार्ग को दिखाया

मिली जानकारी के अनुसार, www.noradsanta.org पर एक 3-डी, इंटरैक्टिव वेबसाइट ने सांता क्लॉज़ और उनके रेनडियर को उनके काल्पनिक विश्वव्यापी वितरण मार्ग को दिखाया है। नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) द्वारा प्रस्तुत सांता ट्रैकर 1955 का है, जब कोलोराडो अखबार के विज्ञापन में बच्चों को सांता से जोड़ने के लिए एक फोन नंबर छापा गया था, लेकिन गलती से उन्हें सैन्य तंत्रिका केंद्र के लिए हॉटलाइन पर निर्देशित कर दिया गया था।

68 साल से जारी है परंपरा
यह यूएस-कनाडा सैन्य एजेंसी 68 वर्षों से सांता क्लॉज़ पर नज़र रख रही है। फादर क्रिसमस ने अपनी यात्रा इस दुनिया से बाहर के पहले पड़ाव के साथ शुरू की थी। छोटे बच्चों को निराश करने से बचने के लिए NORAD के उस समय के संचालन निदेशक, कर्नल हैरी शौप ने अपने कर्मचारियों को रडार की जांच करने का आदेश दिया कि ओल्ड सेंट निक कहां हो सकता है और बच्चों को उसके स्थान के बारे में सूचित करें। अड़सठ साल बाद NORAD बच्चों के ज्वलंत सवालों के जवाब देने के लिए अपने कोलोराडो मुख्यालय के बाहर एक अस्थायी कॉल सेंटर स्थापित करने की परंपरा को जारी रख रहा है।

फेसबुक पर तस्वीर भी पोस्ट की गई
NORAD की तरफ से फेसबुक पर पोस्ट की गई एक तस्वीर में फोन पर जवाब दे रहे लोगों की कतार दिखाई दे रही है। कुछ वर्दी में और कुछ लाल सांता टोपी पहने हुए हैं। इससे पहले रविवार को ट्रैकर थोड़ी देर के लिए नीचे चला गया था, जिससे प्रशांत क्षेत्र के बच्चों को उसकी सटीक स्थिति के बारे में पता नहीं चल पाया था।

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