शिकागो की सबसे ‘पावरफुल’ हस्तियों में शुमार हुआ ये भारतवंशी, अमेरिकी मैग्जीन ने दी ये रैंकिंग
दुनिया भर के अलग-अलग मुल्कों में बसे भारतीयों का लोहा दुनिया मानती है. ऐसे ही एक भारतवंशी को अमेरिका की एक मैग्जीन ने खास सम्मान दिया है. उन्हें शिकागो की सबसे पावरफुल हस्तियों में शुमार किया है.
अमेरिका की शिकागो मैगजीन ने शिकागो के 50 सबसे पावरफुल हस्तियों की रैंक जारी की है. इसमें भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति को भी शामिल किया गया है. राजा कृष्णमूर्ति को 24वीं रैंक पर रखा गया है.
शिकागो अमेरिका के इलिनॉइस स्टेट का सबसे बड़ा शहर है. मैगजीन ने अपनी लिस्ट में पहले नंबर पर इलिनॉइस के गवर्नर जेबी प्रिट्जकर को जगह दी है. दूसरे नंबर पर शिकागो के मेयर ब्रैंडन जॉनसन को रखा गया है.
राजा कृष्णमूर्ति इस लिस्ट में आने वाले दक्षिण एशियाई मूल के पहले शख्स भी हैं. 2016 में कृष्णमूर्ति इलिनॉइस के डिस्ट्रिक्ट-8 से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए चुने गए थे.
दक्षिण एशियाई मूल की ‘सबसे ताकतवर’ शख्सियत
राजा कृष्णमूर्ति 2026 में अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट का चुनाव लड़ने की प्लानिंग भी कर रहे हैं. ऐसी खबरें हैं कि अगर यहां से डिक डर्बिन रिटायर होते हैं, तो डेमोक्रेट की ओर से कृष्णमूर्ति सीनेट का चुनाव लड़ सकते हैं.
एक पॉलिटिकल कंसल्टेंट ने कहा कि राजा कृष्णमूर्ति देश के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से हैं. उन्होंने कृष्णमूर्ति को शिकागो का दक्षिण एशियाई मूल का ‘सबसे ताकतवर’ व्यक्ति भी बताया है.
शिकागो मैगजीन ने लिखा है कि अलग-अलग मुद्दों की जांच के लिए बनी हाउस ओवरसाइट सबकमिटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनकी प्रचार निधि में 1.44 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम है, जो इलिनॉइस के किसी भी सांसद की तुलना में तीन गुना ज्यादा है. मैगजीन ने ये भी लिखा है कि कृष्णमूर्ति 2026 में सीनेट का चुनाव लड़ने के लिए फंड जुटा रहे हैं.
साल 2022 में कृष्णमूर्ति ने डेमोक्रेट और डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी को 4.60 लाख डॉलर की रकम डोनेट की थी.
कौन हैं राजा कृष्णमूर्ति?
19 जुलाई 1973 को जन्मे राजा कृष्णमूर्ति तमिल परिवार में पैदा हुए हैं. जब वो तीन महीने के थे, तब उनके पिता दिल्ली से न्यूयॉर्क आ गए थे.
1980 के दशक में उनका परिवार न्यूयॉर्क से इलिनॉइस में शिफ्ट हो गया. यहां उनके पिता ब्रेडली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे.
कृष्णमूर्ति ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. उसके बाद उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई भी की. पढ़ाई के दौरान वो यहां हार्वर्ड सिविल राइट्स और सिविल लिबर्टिज लॉ रिव्यू के मैनेजिंग एडिटर भी रहे.
हार्वर्ड से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक वकालत का काम किया. साल 2000 में बराक ओबामा के प्रचार से जुड़े. बराक ओबामा के साथ उन्होंने लंबे वक्त तक काम किया.
2012 में कृष्णमूर्ति ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. 2016 में वो फिर इलिनॉइस के डिस्ट्रिक्ट-8 से खड़े हुए और जीते. वो अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में चुने जाने वाले पहले भारतवंशी हैं.