ये सनातन धर्म की लहर नहीं सुनामी है, खिलाफ गए तो मिट जाओगे : संत अमोघ लीला दास
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सनातन धर्म का प्रतीक भगवा ध्वज चारों तरफ लहरा रहा है। इसी को लेकर इस्कॉन से जुड़े आध्यात्मिक संत अमोघ लीला दास ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज जो लहर चल रही है सनातन धर्म की ये एक लहर नहीं, बल्कि सुनामी है। इसमें जुड़ गए तो उड़ जाएंगे, लेकिन इसके खिलाफ गए तो मिट जाएंगे।
संत अमोघ लीला दास का ये बयान पश्चिमी मीडिया द संडे गॉर्जियन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर लिखे गए उस लेख से मेल खाती है, जिसमें ये दावा किया गया था कि 22 जनवरी को जब अयोध्या में भगवान राम के भव्य और दिव्य प्रतिमी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अपराजेय सनातन धर्म लीडर के तौर पर उभरे हैं। उस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था भारत में इस समय सनातन धर्म की जो लहर चल रही है उसमें अगर विपक्ष प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ कहता है तो वो सीधे सनातन धर्म के खिलाफ माना जाता है।
कौन हैं अमोघ लीला दास
गौरतलब है कि पेशे से इंजीनियर और फिर इस्कॉन से जुड़कर संत बने अमोघ लीला दास सनातन उपदेशक हैं। सोशल मीडिया पर वो काफी चर्चित हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले संत अमोघ लीला दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है। साल 2000 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान ही उनकी अध्यात्म में रुचि बढ़ने लगी थी। अमोघ लीला दास ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने एक अमेरिकी कंपनी में नौकरी शुरू की, लेकिन 6 साल में ही नौकरी छोड़कर संन्यास की राह पकड़ ली, तब उनकी आयु सिर्फ 29 वर्ष थी।