ये है गरीबों का मटन, स्वाद के आगे फेल हो जाता है खस्सी, कीमत मात्र 190 रु किलो
अगर आप नॉन-वेजेटेरियन हैं, तो आपको मटन का स्वाद पता ही होगा. कई लोगों को चिकन से ज्यादा मटन का टेस्ट पसंद होता है. लेकिन चिकन के मुकाबले मटन काफी महंगा होता है. इस वजह से लोग इसे कम ही खाते हैं. जब कभी नॉन वेज खाने का मन होता है, तो लोग चिकन या मछली बना लेते हैं. ये भी नहीं तो लोग अंडे खा लेते हैं. लेकिन अब सोशल मीडिया पर सस्ते मटन का ऑप्शन भी लोगों को बता दिया गया है.
बिहार के छपरा में आपको ये सस्ता मटन सड़क के किनारे बिकता नजर आ जाएगा. फुलवारी शरीफ रोड के किनारे कई महिलाएं ठंड के मौसम में इस सस्ते मटन को बेचती हैं. हम बात कर रहे हैं घोंघे की. जी हां, घोंघा, जिसे अंग्रेजी में स्नेल कहा जाता है. इसे छपरा में लोग बेहद चाव से खाते हैं. ग्रामीण महिलाएं तालाब से इन घोंघों को पकड़ कर लाती हैं और फिर सड़क के किनारे बेचती हैं. लोगों के मुताबिक़, घोंघे का टेस्ट मटन को भी फेल कर देता है.
सुबह-सुबह दिख जाती हैं बेचती
सड़क के किनारे बड़े पतीले लेकर ग्रामीण महिलाएं घोंघा बेचने आती हैं. मजबूत शेल्स के अंदर बंद इन घोंघों को निकाल कर बेचती हैं. जब कोई कस्टमर आता है, तभी इन घोंघों को मारकर उसके अंदर का मांस निकाला जाता है. अगर आपको लग रहा है कि इन्हें नाले से पकड़ा जाता है तो आप गलत हैं. यहां ये घोंघे कई परिवार की कमाई का जरिया हैं. इस वजह से कई महिलाएं इसकी खेती भी करती हैं और तालाब में इन्हें पालती हैं.
कई बीमारियों का इलाज
घोंघा खरीदने आए एक शख्स ने बताया कि इसका स्वाद मटन को भी फेल कर देता है. वहीं कीमत में भी ये मटन से काफी सस्ता है. अगर ठीक से बार्गेन करें तो आपको घोंघे का मांस डेढ़ सौ रुपए किलो मिल जाएगा. बात अगर घोंघे के मांस की पौष्टिकता की करें, तो इसमें चिकन से मात्र नौ प्रतिशत कम प्रोटीन होता है. लेकिन इसमें चिकन की तुलना काफी कम कैलोरी होती है. इतना ही नहीं, घोंघे के मांस में प्रचुर मात्रा में आयरन, कैल्शियम और कई दूसरे मिनरल पाए जाते हैं. घोंघे का मीट बालों, नाखून और हेल्दी स्किन के लिए खाया जाता है.